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7 फीट लंबी है राम की प्रतिमा, जानिए क्यों कहा जा रहा है इसे ‘कोदंड’ और क्या है इसकी खासियत

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को 9वीं बार अयोध्या जाएंगे. सीएम यहां अयोध्या शोध संस्थान में भगवान राम के कोदंड स्वरूप की आदमकद प्रतिमा का अनवारण करेंगे. राम की यह प्रतिमा कर्नाटक में बनवाई गई है. यह राम प्रतिमा कीमत से लेकर इस्तेमाल होने वाली लकड़ी में कई मायनों में खास हैं.


ये है खासियत

इस राम प्रतिमा की खासियत यह है कि इसे टीक वुड से बनाया गया है. राज्‍य सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार भगवान श्रीराम की यह मूर्ति लकड़ी के एक पीस से तैयार की गई है. दक्षिण भारत मे भगवान राम के कोदंड स्वरूप की पूजा की जाती है. श्रीराम की यह मूर्ति भी कोदंड धनुष धारण किए हुए नजर आती हैं. बता दें, भगवान राम के धनुष को कोदंड के नाम से जाना जाना जाता है. मान्यता के अनुसार जब श्रीराम माता सीता की खोज के लिए दक्षिण भारत पहुंचे थे तो वनवासी रूप में उनके हाथ में उनका धनुष कोदंड ही था. कहा जाता है कि कोदंड वो धनुष है जिससे राम ने रावण का वध किया था.


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कोदंड राम की आठ बड़ी बातें

  • कर्नाटक के कावेरी कर्नाटक स्टेट आर्ट्स एवं क्राफ्ट इंपोरियम से 35 लाख में खरीदी गई है.

  • भगवान राम की यह प्रतिमा देखने में काफी आकर्षक है और इसे काष्ठ कला की एक दुर्लभ कृति माना जा रहा है.

  • इस प्रतिमा को बनाने में करीब तीन साल से ज्यादा का समय लगा है.

  • यह आदमकद प्रतिमा 7 फीट की है.

  • इसको राष्ट्रपति पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है.

  • काष्ठ कला की दुर्लभ मूर्ति अयोध्या शोध संस्थान के शिल्प संग्रहालय में स्थापित की जाएगी.

  • इस मूर्ति को कोदंड राम से जाना जा रहा है.

  • दरअसल, इस मूर्ति कर्नाटक की कोदंड स्थापत्य कला के अनुसार बनाया गया है. इसलिए इसको कोदंड राम के नाम से पुकारा जा रहा है.

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