योगी कैबिनेट ने JPNIC प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी LDA को सौंपी, सपा के ड्रीम प्रोजेक्ट की नई शुरुआत

योगी कैबिनेट (Yogi Cabinet) ने समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के ड्रीम प्रोजेक्ट जेपीएनआईसी (JPNIC) को लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) को सौंपने की मंजूरी दे दी है। सपा सरकार ने इस परियोजना के निर्माण में लगभग 800 करोड़ रुपए खर्च किए थे। इसके संचालन के लिए समाजवादी पार्टी सरकार ने JPNIC सोसायटी भी बनाई थी, जिसे अब योगी कैबिनेट ने भंग कर दिया है। अब JPNIC के संचालन, रख-रखाव और प्रबंधन का कार्य लखनऊ विकास प्राधिकरण के जिम्मे होगा। काफी समय से JPNIC को लेकर विवाद चल रहे थे, जिन्हें इस कदम के बाद हल करने की उम्मीद है।

क्या है जेपीएनआईसी ?

जेपीएनआईसी (Jayaprakash Narayan International Centre) समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण की स्मृति में बनाया गया एक अंतरराष्ट्रीय केंद्र है, जिसे पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता है। इसकी शुरुआत 2013 में सपा सरकार के दौरान हुई थी। 11 अक्टूबर 2016 को अखिलेश यादव ने इस स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किया था। इसमें ऑल वेदर ओलंपिक साइज का स्विमिंग पूल और मल्टीपर्पज़ कोर्ट भी तैयार किया गया, जहां खेलों से जुड़ी प्रस्तुतियां भी कराई गईं। हालांकि, उद्घाटन के बाद भी इस हिस्से को बाद में बंद कर दिया गया।इस केंद्र में समाजवादी विचारक जयप्रकाश नारायण की एक प्रतिमा भी स्थापित है और यहां हर साल समाजवादी विचारधारा से जुड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहे हैं।

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जेपीएनआईसी विवाद क्या है?

जेपीएनआईसी (जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर) से जुड़ा विवाद लखनऊ में स्थित एक अधूरे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र को लेकर है, जिसकी नींव 2015 में उस समय के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रखी थी। यह केंद्र समाजवादी विचारक जयप्रकाश नारायण की स्मृति में बनाया जा रहा था। इसकी अनुमानित लागत शुरू में 420 करोड़ रुपये थी, जो बाद में बढ़कर 800 करोड़ हो गई। 2017 में भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद इस प्रोजेक्ट पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे और इसकी जांच शुरू हुई। सीएजी और एलडीए की रिपोर्टों में वित्तीय अनियमितताओं की पुष्टि भी हुई, लेकिन इसके बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई और निर्माण कार्य रोक दिया गया। अब यह भव्य प्रोजेक्ट अधूरा पड़ा है और धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील हो चुका है। हर साल अखिलेश यादव जेपी जयंती पर वहां पहुंचकर श्रद्धांजलि देने की कोशिश करते हैं, लेकिन प्रशासन उन्हें ऐसा करने से रोक देता है।

इंडिया हैबिटेट सेंटर की तर्ज पर JPNIC का निर्माण

जेपीएनआईसी (जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर) का निर्माण दिल्ली के प्रतिष्ठित इंडिया हैबिटेट सेंटर की तर्ज पर किया गया था। इस वर्ल्ड क्लास स्तर की इमारत को रियल एस्टेट कंपनी शालीमार ने तैयार किया। यह 18 मंजिला अत्याधुनिक भवन है, जिसमें कई हाई-एंड सुविधाएं शामिल हैं।इस सेंटर में जेपी नारायण से जुड़ा एक संग्रहालय, बैडमिंटन और लॉन टेनिस कोर्ट, एक ऑल वेदर स्वीमिंग पूल, और 100 कमरों का विशाल गेस्ट हाउस मौजूद है। इसके अलावा, छत पर एक हेलीपैड भी बनाया गया है। साल 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट की नींव रखी थी। इस भवन में 2000 लोगों की क्षमता वाला कन्वेंशन हॉल, प्रदर्शनी हॉल, ओपन एयर थिएटर और एक अत्याधुनिक जिम जैसी सुविधाएं भी शामिल हैं, जिससे इसे एक बहुउद्देशीय अंतरराष्ट्रीय केंद्र के रूप में विकसित किया गया था।

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जयप्रकाश नारायण की स्मृति में बनाया गया प्रोजेक्ट

तत्कालीन समाजवादी सरकार ने भारत के स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता जयप्रकाश नारायण की याद में जेपीएनआईसी का निर्माण शुरू किया था। जयप्रकाश नारायण का जन्म 11 अक्टूबर 1902 को बिहार के सिताब दियारा में हुआ था। उन्होंने देश की आजादी की लड़ाई से लेकर 1977 तक अनेक आंदोलनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में हुए आंदोलनों का ऐसा प्रभाव पड़ा कि इंदिरा गांधी की सत्ता तक छिन गई थी।

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