उत्तर प्रदेश में राज्य विधि आयोग ने जनसंख्या नियंत्रण कानून का मसौदा बनाना शुरू कर दिया है। जिसके बाद प्रदेश में अब दो से अधिक बच्चे वालों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। आयोग राजस्थान व मध्य प्रदेश समेत कुछ अन्य राज्यों में लागू कानूनों के साथ सामाजिक परिस्थितियों व अन्य बिंदुओं पर अध्ययन कर रहा है। जल्द ही इस पूरे रिसर्च को करने के बाद आयोग अपना प्रस्ताव यूपी सरकार को सौंपेगा।
अन्य राज्यों के नियमों पर हो रहा है अध्ययन
जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर तैयार हो रहे प्रतिवेदन में बेरोजगारी व भुखमरी समेत कई अन्य पहलुओं को ध्यान में रखकर विभिन्न बिंदुओं पर विचार कर रहा है, इसके लिए आयोग ने देश के अन्य राज्यों में लागू कानूनों व अन्य सामाजिक परिस्थितियों को लेकर अध्ययन करना शुरू कर दिया है।
राज्य में कानून लागू होने के बाद अभिभाववकों को कुछ सरकारी सुविधाओं और सब्सिडी से हाथ भी धोना पड़ सकता है। राज्य विधि आयोग कई बिंदुओं पर विचार करने के साथ जल्द ही अपना प्रतिवेदन राज्य सरकार के समक्ष प्रस्तुत करेगा।
ये बिंदु रहेंगे अहम
सूबे में इस कानून के दायरे में अभिभावकों को किस समय सीमा के तहत लाया जाएगा और उनके लिए सरकारी सुविधाओं के अलावा सरकारी नौकरी में क्या व्यवस्था होगी, ऐसे कई बिंदु भी बेहद अहम होंगे। आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एएन मित्तल का कहना है कि जनसंख्या नियंत्रण को लेकर असोम, राजस्थान व मध्य प्रदेश में लागू कानूनों का अध्ययन शुरू कर किया गया है। बेरोजगारी व भुखमरी समेत अन्य पहलुओं को ध्यान में रखकर विभिन्न बिंदुओं पर विचार के आधार पर प्रतिवेदन तैयार किया जाएगा।
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