उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) नगरीय निकाय चुनाव से पहले नई नगर पंचायतों (Nagar Panchayats) के गठन व पुराने नगरीय निकायों का सीमा विस्तार करने जा रही है। कहा जा रहा है कि नई गठित होने वाली नगर पंचायतों की संख्या 60 से ज्यादा हो सकती है। जल्द ही इन्हें कैबिनेट की मंजूरी मिल सकती है। वहीं, प्रदेश के 140 से अधिक नगरीय निकायों ने अपने परिसीमन को अंतिम रूप देकर निदेशालय को सौंप दिया है।
नगरीय निकायों को परिसीमन की प्रक्रिया जल्द पूरी करने के निर्देश
दरअसल, इसी साल नवंबर में नगर निकाय चुनाव प्रस्तावित हैं। पिछले चुनाव से इस बार 86 नए नगरीय निकाय बढ़ गए हैं। 66 ऐसे नगरीय निकाय भी हैं, जिनमें सीमा विस्तार हुआ है। ऐसे में इन निकायों में वार्डों का गठन और परिसीमन किया जाना था।
सूत्रों के अनुसार नगर निगमों में अधिकतम वार्डों की संख्या 110 से ज्यादा करने पर सरकार ब्रेक लगा सकती है। यह कयास इसलिए भी लगाए जा रहे हैं क्योंकि हाल ही में सरकार ने नगरीय निकायों को परिसीमन की प्रक्रिया जल्द पूरी करने के भी निर्देश दिए हैं।
गाटों में खातेदारों व सह-खातेदारों के अंश निर्धारण का अभियान
वहीं, राजस्व परिषद फसली वर्ष 1430 (पहली जुलाई 2022 से 30 जून 2023 तक) में प्रदेश के 23,223 राजस्व गांवों की खतौनियों में दर्ज खातेदारों व सह-खातेदारों के गाटों में अंश निर्धारण के लिए 21 जून से अभियान चलाएगा। आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद मनीषा त्रिघाटिया ने सभी जिलाधिकारियों को खातेदारों व सह-खातेदारों के गाटों में अंश निर्धारण का कार्यक्रम जारी कर दिया है।
कार्यक्रम के अनुसार 21 से 30 जून तक जिलाधिकारी अपने जिले के राजस्व गांवों की खतौनियों के पुनरीक्षण और उनमें दर्ज खातेदारों/सह खातेदारों के अंश निर्धारण के लिए सूचना प्रकाशित कराएंगे। एक जुलाई से 31 अगस्त तक लेखपाल खातेदारों/सह खातेदारों के खातावार और गाटा नंबरवार अंश को प्रारंभिक रूप से सह खातेदारों और राजस्व समिति के परामर्श से आकार पत्र खंड पुस्तिका-2 तैयार करेंगे।
एक से 30 सितंबर तक लेखपाल सह खातेदारों के गाटा नंबरवार प्रस्तावित अंश के उद्धरण को आकार पत्र खंड पुस्तिका-3 में तैयार करेंगे। साथ ही राजस्व निरीक्षक सभी खातेदारों/सह खातेदारों को नोटिस जारी कर लेखपाल के माध्यम से तामील कराएंगे।
खातेदार/सह खातेदार द्वारा प्रारंभिक रूप से किये गए अंश निर्धारण के विरुद्ध प्राप्त आपत्ति/शुद्धिकरण के लिए एक से 31 अक्टूबर तक आकार पत्र खंड पुस्तिका-3 में विवरण अंकित करते हुए आवश्यक अभिलेखों व प्रमाणों सहित संबंधित लेखपाल या राजस्व निरीक्षक या रजिस्ट्रार कानूनगो को प्राप्त कराया जाएगा।
एक से 30 नवंबर तक राजस्व निरीक्षक ग्राम राजस्व समिति से परामर्श, जांच पड़ताल व पक्षों के बीच सुलह-समझौते के आधार पर आपत्तियों का निस्तारण कर अंश निर्धारण का आदेश पारित करेंगे। खातेदार/सह खातेदार की अनिस्तारित आपत्तियों को एक से 15 दिसंबर तक उप जिलाधिकारी को निर्णय के लिए भेजा जाएगा।
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