आखिर भगवान कृष्ण के साथ महाभारत में क्यों शामिल नहीं हुए बलराम, जानें क्या थी वजह

अध्यात्म: महाभारत की कथा तो हम सभी ने सुनी है, लेकिन महाभारत में भी कई ऐसी बातें हैं जो आज भी एक रहस्य की तरह हमसे छुपे हुए हैं. महाभारत के युद्ध में स्वयं भगवान श्री कृष्ण शामिल हुए थे लेकिन उन्होंने युद्ध नहीं किया था बस वो अर्जुन के सारथी बनकर उन्हें धर्म और कर्म का ज्ञान देने के लिए उनके साथ मौजूद थे. लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि महाभारत के युद्ध में कृष्ण के साथ उनके बड़े भाई बलराम क्यों नहीं शामिल हुए थे. महाभारत युद्ध में देश-विदेश की सेना ने भाग लिया था. माना जाता है कि कौरवों के साथ कृष्ण की सेना सहित कई जगहों के योद्धा शामिल थे, तो पांडवों के साथ सिर्फ कृष्ण और उनके मित्र राजाओं की सेना थी. लेकिन इस युद्ध में दो राजा शामिल नहीं हुए थे इनमें से एक तो बलराम और दूसरे भोजकट के राजा और रुक्मणि के बड़े भाई रुक्मी थे.


युद्ध से पहले भगवान कृष्ण को उनके बड़े भाई बलराम ने कई बार समझाया कि हमें युद्ध में शामिल नहीं होना चाहिए, क्योंकि दुर्योधन और अर्जुन दोनों ही हमारे मित्र हैं. ऐसे धर्मसंकट के समय दोनों का ही पक्ष न लेना उचित होगा. ऐसे में दोनों भाई धर्मसंकट में पड़ गए, लेकिन कृष्ण ने इस समस्या का भी हल निकाल लिया था. उन्होंने दुर्योधन से ही कह दिया था कि तुम मुझे और मेरी सेना दोनों में से किसी एक का चयन कर लो. दुर्योधन ने कृष्ण की सेना का चयन किया.


Had Lord Krishna actually broken his vow in the Mahabharat War, or ...

महाभारत में वर्णित है कि जिस समय युद्ध की तैयारियां हो रही थीं और उधर एक दिन भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम, पांडवों की छावनी में अचानक पहुंचे. दाऊ भैया को आता देख श्रीकृष्ण, युधिष्ठिर आदि बड़े प्रसन्न हुए. सभी ने उनका आदर किया. सभी को अभिवादन कर बलराम, धर्मराज के पास बैठ गए. उन्होंने कहा कि मैंने कृष्ण को न जाने कितनी बार समझाया हमारे लिए तो पांडव और कौरव दोनों ही एक समान हैं. दोनों को मूर्खता करने की सूझी है. इसमें हमें बीच में पड़ने की आवश्यकता नहीं, पर कृष्ण ने मेरी एक न मानी.


कृष्ण को अर्जुन के प्रति स्नेह इतना ज्यादा है कि वे कौरवों के विपक्ष में हैं. अब जिस तरफ कृष्ण हों, उसके विपक्ष में कैसे जाऊं? भीम और दुर्योधन दोनों ने ही मुझसे गदा सीखी है. दोनों ही मेरे शिष्य हैं. दोनों पर मेरा एक जैसा स्नेह है. इन दोनों कुरुवंशियों को आपस में लड़ते देखकर मुझे अच्छा नहीं लगता अतः में तीर्थयात्रा पर जा रहा हूं.


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