मुजफ्फरनगर : देश की सबसे लंबी धार्मिक यात्रा में मुजफ्फरनगर एक बार फिर कांवड़ यात्रा के दौरान सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल पेश कर रहा है. इसमें बहुसंख्यक वर्ग से भगवान शंकर के भक्त कांवड़िये हरिद्वार से पवित्र गंगाजल लेकर अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहे हैं. वहीं इन कावड़ियों की सेवाओं में सभी धर्मों के लोग लगे हुए हैं.
सांप्रदायिक दंगों का बदनुमा दाग माथे पर लगने के बाद मुजफ्फरनगर के माहौल में सुधार हुआ है. यह सुधार उस समय देखने को मिल रहा है, जब लाखों कांवड़ियों की सेवा में मुस्लिम वर्ग के लोग लगे हुए हैं. उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर में कावड़ यात्रा के दौरान सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल पेश करने की अद्भुत तस्वीरें सामने आ रही हैं. इसमें 2013 में सांप्रदायिक दंगे झेलने के बाद जनपद सांप्रदायिक सद्भाव की ओर बढ़ रहा है.
इसका जीता जागता उदाहरण कांवड़ यात्रा के दौरान जनपद में अनेक स्थानों पर मुस्लिम संगठन कांवड़ियों की सेवा करते नजर आ रहे हैं. मीनाक्षी चौक की आवाज-ए-हक संगठन की है, जो शिव भक्त का वीडियो की सेवा में लगे हुए हैं. इस संगठन के अध्यक्ष शादाब खान पिछले कई सालों से कावड़ यात्रा की सेवा करने के लिए शिविर लगाते हैं और इस शिविर में कांवरियों को खाने पीने की चीजों के साथ साथ उनकी दवाई और मरहम पट्टी तक की जाती है. यही नहीं पैदल चलने के कारण कांवड़ियों के फेर में दर्द होने या थकान की स्थिति में उनके पैर भी दबाए जा रहे हैं.
मुजफ्फरनगर में 2013 के बाद सांप्रदायिक सद्भाव कायम करने के लिए सभी धर्मों के लोग आगे आ रहे हैं. वहीं जनपद के पुलिस कप्तान अनंत देव तिवारी ने सामुदायिक पुलिसिंग के सहारे लोगों को एक साथ जोड़ने और एक मंच पर लाने का प्रयास किया जा रहा है. वह भी काफी हद तक सफलता की ओर बढ़ रहा है.
वहीं कांवड़ यात्रा की सुरक्षा में लगे एसपी सिटी ओमवीर सिंह ने भी सांप्रदायिक सद्भाव के इस अनोखे प्रयास की तारीफ की है. उनका कहना है कि इस कांवड़ यात्रा के दौरान सभी धर्मों के लोग कांवड़ यात्रियों की सेवा में लगे हुए हैं. खासकर मुस्लिम समुदाय के लोग जीजान से कांवड़ियों की सेवा कर रहे हैं जो अपने आप में भाईचारे की मिसाल है.
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