गदरः एक प्रेमकथा जैसी फिल्म से हिंदी सिनेमा में इतिहास रचने वाले निर्देशक अनिल शर्मा एक बार फिर पुराने दमखम के साथ लौटे हैं। जीनियस में उन्होंने अपने बेटे उत्कर्ष को लॉन्च करते हुए गदर और उसके बाद की फिल्मों की तरह देश प्रेम की अलख जगाई है।
खास बात यह कि इस बार उन्होंने अपने गृह नगर मथुरा के लोकल को ग्लोबल किस्सागोई में ढाला है। फिल्म उत्तर भारतीय फ्लेवर के साथ अंतरराष्ट्रीय मेकिंग के मापदंडों के बराबर खड़ी है। शर्मा ने नई पीढ़ी की भाषा में फिल्म लिखी और रची है। उनका नायक एक जीनियस है, जो तेज-तर्रार बौद्धिक क्षमता के बावजूद प्रेम को जीवन का आधार मानता है। जीनियस की कहानी ऐसे अनाथ बच्चे वासुदेव (उत्कर्ष शर्मा) की है जो आईएसआई द्वारा भड़काए दंगों में माता-पिता को खोकर शिशु अवस्था में अनाथ हो गया था।
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मथुरा के कृष्ण मंदिर के पुजारी ने उसे पाला-पोसा। जीनियस वासु की जिंदगी तब बदलती है जब वह आईआईटी में पढ़ने जाता है और उसकी मुलाकात नंदिनी (इशिता चौहान) से होती है लेकिन नंदिनी करियर को प्यार से ज्यादा अहम मानती है। जॉब के लिए उसके अमेरिका चले जाने के बाद वासु भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ में शामिल हो जाता है और एक खतरनाक मिशन के लिए जान की बाजी लगा देता है। यहां उसकी टक्कर पाकिस्तान के हाथों में खेल रहे एमआरएस (नवाजुद्दीन सिद्दिकी) से होती है।
एमआरएस भी वासु की तरह जीनियस है। मुकाबला कांटे का है। अंजाम क्या होगा? क्या वासु आईएसआई की कठपुतली को ठिकाने लगा सकेगा? क्या नंदिनी से वासु का प्यार खूबसूरत मोड़ पर पहुंचेगा अनिल शर्मा ने अपने निर्देशन से कहानी को शुरू से अंत तक बांधे रखा है।
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उन्होंने उत्कर्ष की लॉन्चिंग में कोई कसर बाकी नहीं रखी। एक्शन, इमोशन, रोमांस और डांस कहानी में सहजता से पिरोए गए हैं। उत्कर्ष उम्मीदों पर खरे उतरे हैं। वह पूरी तैयारी से आए हैं और तैयारियां उनके काम में दिखी हैं। रोमांस तथा इमोशन के दृश्यों में वह हसीन लगे और एक्शन दृश्यों में मजबूत। उनके भविष्य को लेकर आश्वस्त हुआ जा सकता है।
इशिता के साथ उनकी जोड़ी जमी है। इशिता ने भी अपने काम को सुंदर ढंग से अंजाम दिया है। जीनियस का रोमांटिक पक्ष लुभावना है और युवाओं को आकर्षित करेगा। अनिल शर्मा ने फिल्म में एक जीनियस के दिल और दिमाग की उतार-चढ़ाव वाली लड़ाई खूबसूरती से दिखाई है। जो दर्शक को एक अच्छी फिल्म से मिलने वाला सुकून देती है।
गीत हिमेश रेशमिया ने तैयार किए हैं। होली गीत और तेरा सुरूर खूब सुने जा रहे हैं। सुनने के साथ यह देखने में भी आकर्षक हैं। जीनियस तकनीकी दृष्टि से बेहद मजबूत है। कैमरावर्क और वीएफएक्स ने फिल्म का सौंदर्य बढ़ाया है। जीनियस में भव्यता है। नवाजुद्दीन सिद्दिकी हमेशा की तरह अपने अभिनय से दर्शकों को गुदगुदाते हैं। यहां उनकी खलनायकी का नया रंग देखने को मिलता है।
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