UP चुनाव से पहले पूर्वांचल दहलाने की बड़ी साजिश का मऊ में भंडाफोड़, रूबीना समेत 3 महिलाएं व तनवीर समेत 6 पुरूष गिरफ्तार, भारी तादाद में अवैध असलहे बरामद

यूपी के मऊ (Mau) में यूपी एसटीएफ (UP STF) ने एक अवैध हथियारों की सप्लाई करने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह पर्दाफाश किया है. एसटीएफ ने तीन महिलाओं समेत 9 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनके नाम रूबीना अंसारी, शबाना खातून व शबनम बानो, तनवीर आलम, सिजवान अंसारी, रिजाउल हक, मो खालिद, लियाकत अली और परवेज आलम हैं. इसके अलावा बड़ी तादाद अवैध असलहे बारामद हुईं हैं. बताया जा रहा है कि यूपी विधानसभा चुनाव से पहले पूर्वांचल को दहलाने की बड़ी साजिश चल रही थी जिसे यूपी एसटीएफ ने नाकाम किया है.


एसटीएफ ने बयान में बताया कि उसे जानकारी मिली थी कि अन्तरराज्यीय स्तर पर अवैध असलहों के तस्करों द्वारा जनपद मऊ में असलहे बनाने के कारखाने का संचालन/अवैध शस्त्रो का निर्माण करके आपराधिक गिरोहों को आपूर्ति करने का अवैध कार्य किया जा रहा है. बयान के अनुसार इस सूचना पर एसटीएफ के एक दल ने अवैध असलहा बनाने के कारखाने का भण्डाफोड़ करके नौ व्यक्तियों (पुरूष/महिला) को बिहार एसटीएफ के सहयोग से गिरफ्तार करते हुए भारी मात्रा में निर्मित, अर्धनिर्मित अवैध असलहे, असलहा बनाने का सामान व उपकरण बरामद किया गया.


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बयान के अनुसार गिरफ्तार अभियुक्तों में रूबीना अंसारी, शबाना खातून व शबनम बानो (तीनो महिलायें) व तनवीर आलम, सिजवान अंसारी, रिजाउल हक, मो खालिद, लियाकत अली और परवेज आलम शामिल हैं. बयान के अनुसार इनके पास से भारी मात्रा में बने हुए एवं अर्धनिर्मित अवैध असलहे बरामद किये गये हैं. बयान में कहा गया है कि गिरफ्तार व्यक्तियों से पूछताछ करके गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में जानकारी ली जा रही है.


ApnaMau -

एसपी के अनुसार बारह साल पहले सगे भाई तनवीर व तबरेज यहां की सगी बहनों शबाना खातून से तबरेज व शबनम बानों से तनीवर ने शादी की. इसके बाद दक्षिणटोला थाना के प्यारेपुरा में शबाना व कोतवाली के रघुनाथपुरा में शबनम बानों परिवार संग अपना मकान बनवाकर रहती थीं. मकान बनवाते ही दोनों ने भूखंड बनवा लिया था. तभी से इनका कारोबार चल रहा था. पूछताछ में बताया कि बीच में इन लोगों ने पांच साल तक काम नहीं किया. यह लोग पुणे चले गए थे. वहां से आने के बाद फिर से कारोबार शुरू कर दिए थे. यहां से दोनों महिलाएं 20-20 पैकेट बनाकर अर्धनिर्मित असलहा सामानों के बीच रखकर 15-20 दिन में मुंगेर बिहार लेकर जाती थीं. यहां मुंगेर निवासी सज्जाद व अन्य सहयोगियों को देती थी. यहां सज्जाद अर्धनिर्मित असलहा पूर्ण कर 20 से 25 हजार रुपये में बेचता था.


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