गंगा एक्सप्रेसवे के शिलान्यास के बाद मायावती बोलीं- ये हमारी सरकार का प्रोजेक्ट, सपा, कांग्रेस और भाजपा ने लगाया अडंगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 36,230 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले उत्तर प्रदेश के सबसे लंबे 594 किमी के गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway) का शाहजहांपुर (Shahjahanpur) में रिमोट से बटन दबाकर शिलान्यास किया। इसके बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने इस प्रोजेक्ट को अपनी सरकार की योजना बताया।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि बीएसपी सरकार नोएडा से बलिया तक 8-लेन के गंगा एक्सप्रेस-वे के जरिए दिल्ली को पूर्वांचल से सीधे जोड़कर बाढ़ के साथ-साथ क्षेत्र की गरीबी, पलायन व बेरोजगारी आदि की समस्या को दूर करने का प्रयास कर रही थी। उस समय कांग्रेस, भाजपा व सपा इन सभी ने इसमें अड़ंगा लगाया व विरोध भी किया।

मायावती ने कहा कि इसके बाद उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी तथा अब भाजपा की डबल इंजन की सरकार के भी पांच वर्ष अर्थात कुल दस वर्ष बीतने के बाद अब विधान सभा आम चुनाव के नजदीक गंगा एक्सप्रेस-वे को टुकड़ों में बांटकर इसका शिलान्यास हुआ है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्वार्थी राजनीति से जनता को कब तक छला जाएगा। इसी कारण आने वाले चुनाव में जन सावधनी जरूरी है।

क्या हैं गंगा एक्सप्रेसवे

दिल्ली बॉर्डर से बलिया तक गंगा कि किनारे 1020 किलोमीटर में यह एक्सप्रेस-वे बनाए जाने का प्रस्ताव है. प्रोजेक्ट के पहले चरण में 594 किलोमीटर लंबा छह लेन वाला यह एक्सप्रेस-वे मेरठ के बिजौली गांव के पास से शुरू होकर प्रयागराज के जुदापुर दांडू गांव तक जाएगा। इसकी पीएम मोदी ने आज आधारशिला रखी। इसे 36,200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित किया जाएगा। पूरी तरह से निर्मित होने के बाद, यह राज्य के पश्चिमी और पूर्वी क्षेत्रों को जोड़ने वाला, उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे बन जाएगा। प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में एक्सप्रेस-वे प्रयागराज से बलिया तक कुल 316 किलोमीटर लंबाई में बनाया जाना है।

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फेज -2 में ही दिल्ली के तिगड़ी से यूपी बॉर्डर तक 110 किलोमीटर में एक्सप्रेस-वे प्रस्तावित है। गंगा एक्सप्रेस-वे पर शाहजहांपुर में 3.5 किलो मीटर लंबी हवाई पट्टी भी बनाई जाएगी, जो वायु सेना के विमानों को आपातकालीन उड़ान भरने और उतरने में सहायता प्रदान करेगी। एक्सप्रेस-वे के साथ एक औद्योगिक गलियारा बनाने का भी प्रस्ताव है। एक्सप्रेस-वे पर ट्रॉमा सेंटर बनाने का भी प्रस्ताव है। एक्सप्रेस-वे पर कई जगह हेडीपैड्स बनाने की भी योजना है, ताकि वहां से एयर एम्बुलेंस की सुविधा शुरू की जा सके।

इन शहरों को जोड़ेगा गंगा एक्सप्रेस-वे

यह एक्सप्रेस-वे मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज से होकर गुजरेगा। इस एक्सप्रेस-वे के लिए जरूरी 518 ग्राम पंचायतों के 7368 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण का करीब 96 फीसदी काम पूरा हो चुका है। पीएमओ ने कहा है कि गंगा एक्सप्रेस-वे से औद्योगिक विकास, व्यापार, कृषि, पर्यटन आदि क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा। इससे क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

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