आज से इंडिया गेट पर नहीं जलेगी अमर जवान ज्योति, जानें इसके पीछे की वजह….

आज से दिल्ली के इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति जलती दिखाई नहीं देगी। दरअसल, आज दोपहर को अमर जवान ज्योति का विलय राष्ट्रीय वार मेमोरियल में हो जाएगा। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि दो जगहों पर लौ (मशाल) का रख रखाव करना काफी मुश्किल हो रहा है। सेना के सूत्रों का यह भी कहना है कि अब जबकि देश के शहीदों के लिये नेशनल वॉर मेमोरियल बन गया है, तो फिर अमर जवान ज्योति पर क्यों अलग से ज्योति जलाई जाती रहे। भारत ने पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध के 50 साल पूरे होने के मौके पर अब इस अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शिफ्ट करने का फैसला किया गया है।

इसलिए किया जा रहा विलय

जानकारी के मुताबिक, सेना के अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि अमर जवान ज्योति का शुक्रवार (21 जनवरी, 2022) दोपहर को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जल रही लौ में विलय किया जाएगा जोकि इंडिया गेट के दूसरी तरफ केवल 400 मीटर की दूरी पर स्थित है। मालूम हो कि, इंडिया गेट स्मारक ब्रिटिश सरकार द्वारा 1914-1921 के दौरान अपनी जान गंवाने वाले ब्रिटिश भारतीय सेना के सैनिकों की याद में बनाया गया था। वहीं ‘अमर जवान ज्योति’ का विलय राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जल रही लौ में करने के पीछे तर्क दिया जा रहा है कि दो जगहों पर लौ (मशाल) का रख रखाव करना काफी मुश्किल हो रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 फरवरी 2019 को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का उद्घाटन किया था, जहां 25,942 सैनिकों के नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखे गए हैं। युद्ध स्मारक में भवन के उद्घाटन के बाद, सभी सैन्य औपचारिक इवेंट को इंडिया गेट (India Gate) स्मारक से नेशनल वॉर मेमोरियल में शिफ्ट कर दिया गया था। नेशनल वॉर मेमोरियल देश का इकलौता ऐसा मेमोरियल है जहां ट्राई सर्विस यानी आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के सैनिकों के नाम एक छत के नीचे हैं।

कैसे जलती है अमर जवान ज्योति

वहीं अगर अमर जवान ज्‍योति की बात करें तो यहां एक काले मार्बल का फलक है जिसके चारों तरफ स्‍वर्णाक्षरों में ‘अमर जवान’ लिखा हुआ। इसके ऊपर एक L1A1 सेल्‍फ लोडिंग राइफल रखी है और उसपर एक सैनिक का हेलमेट किसी मुकुट की तरह रखा गया है। इस फलक के चारों तरफ कलश रखे हुए हैं, जिनमें से एक में ज्‍योति 1971 से जली आ रही है। यूं तो चारों कलशों में ज्‍योति जलती है मगर पूरे साल भर चार में से एक ही ज्‍योति चलती रहती है। स्‍वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर चारों कलशों की ज्‍योति जलाई जाती है। अमर जवान ज्‍योति पर सेना, वायुसेना और नौसेना के सैनिक तैनात रहते हैं। 1971 के 2006 के बीच, ज्‍योति जलाने के लिए LPG का इस्‍तेमाल होता था। उसके बाद से सीएनजी इस्‍तेमाल की जानी लगी।

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