आज राज्यसभा (Rajya Sabha) से 72 सदस्यों की विदाई हो गई। इन सभी सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गुरुवार को राज्यसभा के 72 सेवानिवृत्त सदस्यों की विदाई के मौके पर सदन में बोलते हुए उनको शुभकामनाएं दीं और सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों के बेहतर भविष्य की कामना की।
प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने राज्यसभा से सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों के बेहतर भविष्य की कामना करते हुए गुरूवार को उनसे आग्रह किया कि वह अपने अनुभवों को चारों दिशाओं में ले जाएं और अपने योगदानों को कलमबद्ध कर देश की भावी पीढ़ी को प्रेरित करें।
कभी हमें लगता है कि हमने इस सदन में बहुत कुछ योगदान दिया। लेकिन इस सदन ने भी हमारे जीवन में बहुत कुछ योगदान दिया है। हम सदन को जितना देकर जाते हैं उससे ज़्यादा सदन से लेकर जाते हैं। हम भले यहां से निकल रहे हैं लेकिन अपने अनुभव को चारों दिशाओं में लेकर जाए: प्रधानमंत्री pic.twitter.com/0hweXOhihd
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 31, 2022
राज्यसभा से मार्च और जुलाई के बीच 72 सदस्य सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इनमें कांग्रेस के ए के एंटनी, आनंद शर्मा, अंबिका सोनी, भारतीय जनता पार्टी के सुरेश प्रभु, सुब्रमणियम स्वामी, बहुजन समाज पार्टी के सतीश चंद्र मिश्रा, शिवसेना के संजय राउत, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रफुल्ल पटेल सहित कई अन्य सदस्य शामिल हैं। सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों में निर्मला सीतारमण, पीयूष गोयल, मुख्तार अब्बास नकवी और आरसीपी सिंह जैसे मंत्री भी हैं।
प्रधानमंत्री ने सेवानिवृत्त हो रहे सांसदों के लिए दिए गए अपने विदाई भाषण में उच्च सदन में कहा कि जो सदस्य सेवानिवृत्त हो रहे हैं उनके पास अनुभव की बहुत बड़ी पूंजी है और कभी-कभी ज्ञान से ज्यादा अनुभव की ताकत होती है। उन्होंने कहा कि ज्ञान की तो अपनी सीमाएं होती हैं, वह सम्मेलनों में काम भी आता है लेकिन अनुभव से जो प्राप्त होता है, उसमें समस्याओं के समाधान के लिए सरल उपाय होते हैं। उन्होंने कहा कि अनुभव से गलतियों में कमी आती है।
मुझे विश्वास है कि आज जो साथी यहां से बिदाई लेने वाले हैं उनसे हमने जो सीखा है उसे आगे बढ़ाने हम जरूर उपयोग करेंगे। ताकि देश की समृद्धी हो: राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी pic.twitter.com/VjeCNPr6LD
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 31, 2022
प्रधानमंत्री ने कहा कि सदस्यों का अनुभव देश की समृद्धि में बहुत काम आएगा क्योंकि उन्होंने एक लंबा समय सदन की चारदिवारियों में बिताया है। इस सदन में हिंदुस्तान की कोने-कोने की भावनाओं का प्रतिबिंब, वेदना और उमंग सबका एक प्रवाह बहता रहता है। उन्होंने कहा कि भले हम इन चार दीवारों से निकल रहे हैं लेकिन इस अनुभव को राष्ट्र के सर्वोत्तम हित के लिए चारों दिशाओं में ले जाएं। चारों दीवारों में पाया हुआ सब कुछ चारों दिशा में ले जाएं।
प्रधानमंत्री ने सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों से कहा कि अपने कार्यकाल के दौरान सदस्यों ने सदन में जो महत्वपूर्ण योगदान दिया और उस योगदान ने देश को आकार और एक दिशा देने में भूमिका निभाई है तो उसे जरूर कलमबद्ध करें। उन्होंने कहा कि मैं चाहूंगा उन स्मृतियों को आप कहीं ना कहीं लिखें ताकि कभी न कभी वह आने वाली पीढ़ियों के काम आए। हर किसी ने कुछ न कुछ कोई योगदान दिया होगा, जिसने देश को दिशा देने में बहुत बड़ी भूमिका निभायी होगी। हम इसको अगर संग्रहित करेंगे तो हमारे पास एक मूल्यवान खजाना होगा।
देश की आजादी के 75 साल के अवसर पर मनाए जा रहे ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि महापुरुषों ने देश के लिए बहुत कुछ दिया है, अब देने की जिम्मेदारी हमारी है। उन्होंने सदस्यों से अनुरोध किया कि आजादी के अमृत महोत्सव के पर्व को माध्यम बनाकर वह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करने में अपना योगदान दें। उन्होंने सदस्यों से कहा कि आपके इस योगदान से देश को बहुत बड़ी ताकत मिलेगी। देश को लाभ मिलेगा। मैं सभी साथियों को बहुत शुभकामनाएं देता हूं।
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