मनी लांड्रिंग मामले में फंसे महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) और दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. बीजेपी नेता और सुप्रीम कोर्ट से वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय (Ashwini Upadhyay) की नवाब मलिक और सत्येंद्र जैन को बर्खास्त करने की मांग वाली पीआईएल पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस पर चीफ जस्टिस (CJI) विचार करेंगे.
अश्विनी उपाध्याय की ओर से गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के सामने यह मामला उठाया गया और जल्द सुनवाई की मांग की गई. याची ने कहा कि दोनों ही नेताओं के खिलाफ ईडी ने केस दर्ज कर रखा है और दोनों न्यायिक हिरासत में हैं. चूंकि दोनों पब्लिक सर्वेंट हैं और लॉ मेकर्स हैं ऐसे में दो दिनों की ज्यूडिशिल कस्टी के बाद वह ऑफिस में पद पर नहीं बने रह सकते उन्हें बर्खास्त करने का निर्देश पारित हो.
पहले चीफ जस्टिस के सामने उठाएं मामला- कोर्ट
तब जस्टिस सीटी रविकुमार की अगुवाई वाली वेकेशन बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता से कहा कि क्या आपने मामले को रजिस्ट्रार के सामने उठाया है. हम रोजाना कह रहे हैं कि पहले मामले को लिस्टिंग रजिस्ट्रार के सामने उठाया जाए. इस दौरान उपाध्याय ने कोर्ट को बताया कि एक मंत्री महाराष्ट्र में हैं और जेल में हैं जबकि दूसरा मामला दिल्ली का है और मंत्री जेल में बंद हैं. तब बेंच ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह पहले चीफ जस्टिस के सामने मामले को उठाएं और तभी हम सुनवाई करेंगे. हो सकता है कि अगले हफ्ते मामले की सुनवाई हो. ऐसे मामले पहले चीफ जस्टिस के सामने जाएंगे और फिर मामला लिस्ट के लिए आता है.
जानें क्या कहा याचिकाकर्ता ने ?
अश्विनी उपाध्याय ने अपनी याचिका में कहा है कि दोनों मंत्री जो विधायक भी हैं, वे शपथ लेते हैं कि न्यायिक हिरासत में दो दिन रहने के बाद उन्हें पद से अस्थायी रूप से वंचित कर दिया जाएगा. ऐसे में अदालत को उनकी बर्खास्तगी के निर्देश देने चाहिए. उन्होंने कहा कि दो दिन से अधिक दिन की हिरासत में रहने पर जज, आईएएस, आईपीएस और दूसरे सरकारी नौकर को अस्थायी रूप से पद से हटा दिया जाता है, दोनों मंत्री अपने पद पर बने हुए हैं.
उपाध्याय ने कहा कि नवाब मलिक को 23 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था. उनके खिलाफ डॉन दाऊद इब्राहिम से जुड़े काले धन, बेनामी संपत्तियों, मनी लान्ड्रिंग और आय से अधिक संपत्ति के मामलों की जांच जारी है. उन्होंने अपनी याचिका में दिल्ली सरकार से मंत्री सत्येंद्र जैन को भी बर्खास्त करने की मांग की. जैन को 31 मई को गिरफ्तार किया गया था. जैन काला धन, बेनामी संपत्तियों, शेल कंपनियों, मनी लान्ड्रिंग और आय से अधिक संपत्ति के मामलों में न्यायिक हिरासत में हैं.
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