जब भी हम पासपोर्ट बनवाने जाते हैं तो कई तरह की समस्याएं सामने आती हैं, जिस वजह से पासपोर्ट बनवाने में काफी समय लगता है. जिसके लिए हम पासपोर्ट बनाने वाले विभाग या फिर पुलिस को जिम्मेदार मानते हैं. पर क्या आप जानते हैं कि आप ही की गलती की वजह से आपका पासपोर्ट बनने में लेट हो सकता है. दरअसल, लोग आवेदन करते समय कुछ जानकारी छिपा लेते हैं, लेकिन पुलिस वेरीफिकेशन या स्क्रूटिनी के समय सच सामने आ जाता है और आवेदन पेंडिंग में चला जाता है. अगर पासपोर्ट कार्यालय (Passport Officer) की बात करें तो यहां में प्रत्येक माह आठ से 10 हजार आवेदनों में इसी तरह की गड़बड़ी पाई जा रही है.
लोगों की वजह से ही होती है देरी
जानकारी के मुताबिक, पासपोर्ट एक्सपायर होने या पूर्व में आवेदन करने के बावजूद लोग जानबूझकर यह तथ्य छिपाते हैं और फ्रेश श्रेणी में आवेदन कर देते हैं. लोगों को लगता है कि अगर सही जानकारी दी तो हो सकता है, पासपोर्ट बनने में परेशानी हो, लेकिन होता है, इसके उल्टा ही है. पासपोर्ट कार्यालय में बायोमीट्रिक के दौरान मामला पकड़ में आता है और फाइल पेंडेंसी में डाल दी जाती है, जिसके बाद आवेदक को पासपोर्ट बनवाने के लिए दोबारा से लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है.इस वजह से पासपोर्ट बनने में देरी होती है.
पासपोर्ट एक्सपायर होने या पूर्व में आवेदन करने के बावजूद फ्रेश श्रेणी में आवेदन करने की गड़बड़ी मेरठ के आवेदक सबसे ज्यादा करते हैं. इसके बाद दूसरे नंबर पर गौतमबुद्ध नगर, तीसरे नंबर पर हापुड़, चौथे नंबर पर शामली और पांचवें नंबर पर गाजियाबाद के आवेदक हैं.
विदेश मंत्रालय ने प्रक्रिया की बेहद सरल
लोगों को जागरूक करने के लिए गाजियाबाद के क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी सुब्रतो हजारा ने बताया कि विदेश मंत्रालय द्वारा पासपोर्ट बनाने की प्रक्रिया बेहद सरल कर दी गई है, लेकिन आवेदक स्वयं ही कठिन बना रहे हैं. गलत जानकारी देकर व तथ्य छिपाकर परेशानी में फंस रहे हैं. आवेदकों से अपील है कि पासपोर्ट के लिए आवेदन करते समय सही जानकारी भरें, कोई भी तथ्य छिपाएं नहीं. ताकि जल्द से जल्द उनका पासपोर्ट बनकर तैयार हो सके.