लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) के बीच इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने पल्लवी पटेल (Pallavi Patel) की अपना दल कमेरावादी पार्टी को बड़ा झटका दिया है। हाईकोर्ट ने पार्टी को चुनाव चिन्ह के रूप में लिफाफा (Envelope Election Symbol) आवंटित करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। पीठ ने कहा कि आचार संहिता लागू होने के बाद चुनाव प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है, इसलिए याचिका सुनवाई करने योग्य नहीं है।
पार्टी नहीं उतार पा रही अपने प्रत्याशी
यह आदेश न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा और न्यायमूर्ति बीआर सिंह की पीठ ने अपना दल (कमेरावादी) की अध्यक्ष कृष्णा पटेल की ओर से दायर याचिका पर पारित किया है। याचिकाकर्ता ने मांग की कि अदालत निर्वाचन आयोग को याचिकाकर्ता को ‘लिफाफा’ चुनाव चिन्ह आवंटित करने का आदेश दे। याचिका में कहा गया था कि याची की पार्टी निर्वाचन आयोग में पंजीकृत है। बताया गया कि हालांकि, यह एक गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल है।
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22 दिसंबर 2023 को याची की पार्टी की ओर से चुनाव चिन्ह आवंटित करने संबंधी प्रार्थना पत्र आयोग को दिया गया था, जिस पर आयोग ने विचार नहीं किया। कोर्ट को बताया गया कि चुनाव चिन्ह आवंटित न होने की वजह से पार्टी आम चुनावों में अपने उम्मीदवार नहीं उतार पा रही है।
याचिका का चुनाव आयोग की ओर से विरोध कर कहा गया कि पार्टी की ओर से भेजा गया प्रार्थना पत्र अपूर्ण होने से खारिज किया गया है। यह भी दलील दी कि अनुच्छेद 329 (बी) के तहत चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के बाद रिट क्षेत्राधिकार के तहत हाईकोर्ट के पास हस्तक्षेप की गुंजाइश सीमित होती है। दोनों पक्षों की बहस सुनने और अशोक कुमार-मोहिन्दर सिंह मामले में शीर्ष अदालत द्वारा प्रतिपादित सिद्धांतों को देखते हुए न्यायालय ने याचिका को पोषणीय नहीं माना है।
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