उत्तरखंड की धामी सरकार (Uttarakhand Government) गुजरात मॉडल (Gujarat Model) की बेस्ट प्रैक्टिसेज को अपनाने का मन बनाया है। यही वजह है कि सीएम ऑफिस से जुड़े अफसर गुजरात की बेहतर सिस्टम को स्टडी करने के लिए वहां पहुंचे हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री आरके सुधांशु के नेतृत्व वाले अधिकारियों के दल को गुजरात मॉडल को स्टडी करने का जिम्मा सौंपा है। ये दल 3-4 दिनों तक गुजरात में रुककर सीएम सचिवालय के कामकाज और कार्य प्रणाली का विश्लेषण करेगा।
गुजरात मॉडल की बारिकियां समझेगी अफसरों की टीम
दरअसल, भारत में गुजरात मॉडल डेवलपमेंट के कामों को लेकर हमेशा चर्चा में रहा है। गुजरात सरकार की कार्यप्रणाली और यहां तैयार की गई व्यवस्थाओं ने इन्वेस्टर्स को आकर्षित किया है। फैसिल्टीज देने की बात हो या फिर सीएम सचिवालय से टाइमबॉन्ड फाइल पर आखिर मुहर लगने की गारंटी, हर क्षेत्र में गुजरात मॉडल चर्चा में रहा है।
ऐसे में उत्तराखंड सरकार भी राज्य में गुजरात के बेहतर कामकाज को लाने का मूड बना रही है। इसी के मद्देनजर अब सीएम ऑफिस के सीनियर अफसरों को गुजरात में हुई बेस्ट प्रैक्टिस की स्टडी का जिम्मा सौंपा गया है। सीएम ऑफिस से जुड़े अधिकारियों का दल गुजरात मॉडल की बारिकियों को समझेगा और इसके बाद स्टडी की रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
3-4 दिन गुजरात में रुकेगी अफसरों की टीम
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रमुख सचिव सीएम आरके सुधांशु के नेतृत्व में यह दल गुजरात पहुंच चुका है। इस दल ने गुजरात सरकार के कई महत्वपूर्ण अफसरों से बात भी की है। प्रमुख सचिव सीएम और सचिव सीएम शैलेश बगौली समेत स्टडी के लिए गए अफसर अगले 3-4 दिन गुजरात में बिताएंगे।
इस दौरान गुजरात के सीएम सचिवालय में कामकाज के तरीकों की जानकारी ली जाएगी। गुजरात सरकार की तरफ से प्राइवेट सेक्टर के साथ मिलकर कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स पर काम किया जा रहा है। ऐसे प्रोजेक्टस को भी अफसरों का दल समझेगा। उत्तराखंड की जरूरत के हिसाब से जिस क्षेत्र में गुजरात में बेहतर काम हुआ है, उस क्षेत्र में रिपोर्ट तैयार होगी। ऐसे कामों पर खास फोकस होगा, जो उत्तराखंड की विषम भौगोलिक रिस्थितियों के लिहाज से सटीक बैठते हैं।
अफसरों का दल गुजरात के सीएम सचिवालय में हुई बेस्ट प्रैक्टिसेज को भी खास तौर पर स्टडी करेगा, जिससे उत्तराखंड में इसका क्रियान्वयन किया जा सके। अफसरों का यह दल स्टडी करने के बाद अपनी रिपोर्ट तैयार करेगा। इसके बाद उत्तराखंड सरकार को यह रिपोर्ट सौंपी जाएगी और सरकार इस पर अंतिम निर्णय लेगी।
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