संभल हिंसा: जियाउर्रहमान के बचाव में उतरे अखिलेश का बड़ा दावा, बोले- सर्वे के दौरान BJP कार्यकर्ता लगा रहे थे भड़काऊ नारे

संभल हिंसा (Sambhal Violence) के मामले में समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क (Ziaur Rahman Barq) पर दर्ज हुए मुकदमे के बाद सपा प्रमुख  (Akhilesh Yadav) ने खुलकर उनका बचाव किया है। संसद परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए अखिलेश ने आरोप लगाया कि संभल के सांसद और विधायक समेत सैकड़ों लोगों को झूठे मुकदमों में फंसाया जा रहा है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर हिंसा भड़काने और प्रशासन का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया।

संविधान दिवस पर भी बीजेपी पर साधा निशाना

अखिलेश यादव ने संविधान दिवस के मौके पर कहा, ‘संविधान दिवस का सच्चा उत्सव तभी संभव है जब सभी लोग संविधान के रास्ते पर चलें। समाजवादी पार्टी संविधान को अपना प्रकाश स्तंभ मानती है। हम संविधानवादी और समाजवादी हैं।’ उन्होंने संभल हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि जब इलाके में हिंसा हुई और कई लोगों की जानें गईं, तब सरकार उत्सव मना रही थी। उन्होंने कहा कि झूठे मुकदमों के जरिए विपक्ष को दबाने की कोशिश की जा रही है।

भाजपा पर लगाए गंभीर आरोप

सपा प्रमुख ने कहा, ‘जब एक बार संभल की जामा मस्जिद का सर्वे हो चुका था, तो दूसरी बार सर्वे की जरूरत क्यों पड़ी? सर्वे टीम के साथ भाजपा कार्यकर्ता मौजूद थे, जो भड़काऊ नारे लगा रहे थे। लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। सरकार की मंशा केवल माहौल बिगाड़ने की थी। हिंसा के बाद इंटरनेट बंद कर दिया गया ताकि विपक्ष वहां न पहुंच सके। भाजपा संविधान के बजाय अपने मनविधान पर चलना चाहती है।’

Also Read: UP: विधायक बनते ही बढ़ी नसीम सोलंकी की मुश्किलें, कोर्ट ने भेजा नोटिस

राहुल गांधी का भी राज्य सरकार पर हमला

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी उत्तर प्रदेश सरकार को हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, ‘संभल विवाद में प्रशासन का पक्षपातपूर्ण और जल्दबाजी भरा रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हिंसा में जिन लोगों ने अपनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। प्रशासन ने बिना सभी पक्षों को सुने कार्रवाई की, जिससे हालात और बिगड़े। यह भाजपा सरकार की सीधी जिम्मेदारी है।’

राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट से मामले में हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि भाजपा सत्ता का दुरुपयोग कर हिंदू-मुस्लिम समाज के बीच दरार पैदा कर रही है। उन्होंने कहा कि ऐसी राजनीति प्रदेश और देश दोनों के लिए खतरनाक है।

सरकार की चुप्पी पर सवाल

संभल हिंसा और सर्वे विवाद पर विपक्ष ने जहां सरकार को कटघरे में खड़ा किया है, वहीं राज्य सरकार ने अभी तक इस मामले पर कोई ठोस जवाब नहीं दिया है। संभल हिंसा में दर्जनों लोग घायल हुए और इंटरनेट बंद कर दिया गया, जिससे स्थिति सामान्य करने के नाम पर जनता को और परेशानी का सामना करना पड़ा।

( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )