संभल हिंसा: FIR में पुलिस का दावा, विधायक के बेटे सुहैल इकबाल ने भीड़ से कहा- सांसद अपने साथ हैं, कर लो पूरे मंसूबे

संभल में हुई हिंसा (Sambhal Violence) को लेकर पुलिस ने एफआईआर दर्ज करते हुए सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। एफआईआर में कहा गया है कि नेताओं ने राजनीतिक लाभ के लिए भीड़ को उकसाया, जिससे हिंसा भड़की। इस दौरान संभल सीओ अनुज चौधरी पर गोली चलाने की घटना भी हुई।

पुलिस का दावा: सांसद और विधायक पुत्र ने भड़काई भीड़

पुलिस के मुताबिक, 22 नवंबर को जुमे की नमाज के बाद सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने शाही जामा मस्जिद पर बिना अनुमति भीड़ को इकट्ठा कर भड़काऊ बयान दिया। वहीं, 24 नवंबर को मस्जिद पर हो रहे कोर्ट-आदेशित सर्वे के दौरान, विधायक के बेटे सुहेल इकबाल ने भीड़ से कहा, “सांसद हमारे साथ हैं, मंसूबे पूरे कर लो।” इसके बाद भीड़ हिंसक हो गई।

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सर्वे के दौरान हिंसा

एफआईआर के अनुसार, 24 नवंबर की सुबह करीब 9 बजे सिविल जज सीनियर डिवीजन के आदेश पर शाही जामा मस्जिद का सर्वे चल रहा था। इसी दौरान सीओ अनुज चौधरी और अन्य अधिकारी मौके पर मौजूद थे। तभी 700-800 लोगों की भीड़ पहुंच गई और पथराव शुरू कर दिया। इस हिंसा में सीओ अनुज चौधरी के पैर में गोली लगने की घटना हुई। पुलिस ने संभल कोतवाली में दर्ज एफआईआर में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क, विधायक पुत्र सुहेल इकबाल और 700-800 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया है।

नेताओं का पक्ष

वहीं, सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क का कहना है कि मेरे खिलाफ रिपोर्ट झूठी दर्ज की गई है। मैं केवल लोगों की आवाज उठा रहा था। पुलिस और प्रशासन ने पांच लोगों की हत्या की है, उनकी जांच होनी चाहिए। उधर, विधायक के बेटे सुहैल इकबाल ने कहा कि मैं हिंसा में शामिल नहीं था। पुलिस ने घर में रहने का निर्देश दिया था, जिसका पालन किया। मुझ पर लगाए गए आरोप गलत हैं।

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इन धाराओं में दर्ज हुई एफआईआर

संभल कोतवाली और नखासा थाने में सात एफआईआर दर्ज की गई हैं। इनमें बीएनएस की धारा 191(2), 191(3), 190, 221, 132, 125, 324(5), 196, 323(बी), सार्वजनिक संपत्ति को क्षति पहुंचाने की धारा 3 और 5, और 326 (एफ) शामिल हैं। संभल के डीआईजी मुनिराज जी ने बताया कि पूरे मामले की जांच की जा रही है। हिंसा भड़काने के आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

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