Business Desk: बैंकिंग और EPFO फ्रॉड्स की बढ़ती घटनाओं को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने EPFO के पैसे को सुरक्षित रखने के लिए एक नया कदम उठाने की योजना बनाई है। सरकार अब EPFO के लिए एक ‘ब्याज स्थिरीकरण रिजर्व फंड’ बनाने की तैयारी कर रही है, ताकि इसके 6.5 करोड़ से अधिक सदस्य अपने प्रोविडेंट फंड में योगदान पर स्थिर ब्याज पा सकें।
योजना का उद्देश्य:
इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार, श्रम और रोजगार मंत्रालय ने इस विषय पर एक आंतरिक अध्ययन शुरू किया है। इस अध्ययन के आधार पर EPFO के सदस्य अपने निवेश पर मिलने वाले रिटर्न से अलग एक निश्चित ब्याज प्राप्त करेंगे। यह कदम बाजार के उतार-चढ़ाव से बचाने के लिए उठाया जा रहा है ताकि सदस्यों को नुकसान न हो और उन्हें स्थिर ब्याज मिले।
कैसे काम करेगा यह फंड?
रिपोर्ट के अनुसार, EPFO हर साल ब्याज से प्राप्त कमाई को अलग कर एक रिजर्व फंड बनाएगा। जब EPFO के निवेश पर रिटर्न कम हो जाएगा, तब यह रिजर्व फंड इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे सदस्यों को निर्धारित ब्याज मिलेगा, भले ही बाजार में उतार-चढ़ाव हो।
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कब लागू होगा यह नियम?
यह योजना अभी प्रारंभिक चरण में है और इसे इस वर्ष के अंत तक अंतिम रूप दिया जा सकता है। अगर EPFO के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज से मंजूरी मिल जाती है, तो इसे 2026-27 तक लागू किया जा सकता है।
ब्याज दर क्या होगी?
EPFO की ब्याज दरें हर साल बदलती रहती हैं। 2023-24 के लिए EPFO ने 8.25% ब्याज दर तय की थी, जबकि इससे पहले यह दर 8.10% थी।
ATM से निकासी की सुविधा:
इसके अलावा, जनवरी में EPFO के पैसे को ATM से निकालने की सुविधा भी घोषित की गई थी। अब लोग EPFO का पैसा बैंक डेबिट कार्ड की तरह एटीएम कार्ड से भी निकाल सकेंगे।