Hathras Stampede: हाथरस में हुए दर्दनाक भगदड़ हादसे में 121 लोगों की मौत के बाद, जांच टीम ने भोले बाबा को क्लीन चिट दे दी है। पहले इस मामले में यह आरोप लगाया गया था कि बाबा के कार्यक्रम में अत्यधिक भीड़ आने के कारण भगदड़ मची। हालांकि, अब जांच में सामने आया है कि हादसे का मुख्य कारण पुलिस की लापरवाही थी।
जांच में क्या पाया गया?
जांच आयोग ने पाया कि कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा मानकों का पालन सही से नहीं हुआ था और पुलिस ने अपनी जिम्मेदारी सही तरीके से नहीं निभाई। आयोग ने माना कि अगर पुलिस ने उचित तरीके से भीड़ को नियंत्रित किया होता, तो यह भयंकर हादसा नहीं होता। पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं, और यह स्पष्ट हुआ कि उनकी लापरवाही के कारण कई लोग अपनी जान गंवा बैठे।
आयोग के द्वारा दिए गए सुझाव
हादसों से बचने के लिए न्यायिक आयोग ने कई अहम सुझाव दिए हैं:
पुलिस को कार्यक्रम से पहले सुरक्षा निरीक्षण करना चाहिए।
कार्यक्रम के दौरान सभी सुरक्षा नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए।
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी उपाय किए जाएं।
क्या हुआ था ?
हाथरस में इस हादसे में 121 लोग मारे गए, जिनमें अधिकतर महिलाएं थीं। यह माना जा रहा है कि बाबा के पैरों की धूल को छूने की आकांक्षा में लोग भगदड़ में फंस गए, और इसके कारण लोग एक-दूसरे पर गिरते गए। देखते ही देखते स्थिति विकट हो गई और कई लोगों की जान चली गई।
भारत में बाबाओं के प्रति आसक्ति और उसका प्रभाव
यह हादसा बाबाओं के प्रति भारतीय जनता की असीम आस्था और आसक्ति को भी दर्शाता है। हालांकि हादसा किसकी गलती से हुआ, यह जांच का विषय है, लेकिन इस घटना ने कई परिवारों को झकझोर दिया है।