मुकेश कुमार, संवाददाता गोरखपुर । अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) – एम्स गोरखपुर के दंत शल्य विभाग के विशेषज्ञों ने तीन घंटे की जटिल सर्जरी कर एक 32 वर्षीय युवक के गोली से क्षतिग्रस्त चेहरे का सफलतापूर्वक पुनर्निर्माण किया। इस सर्जरी का नेतृत्व ओरल एवं मैक्सिलोफेशियल सर्जन डॉ. शैलेश कुमार ने किया।
यह घटना बिहार के गोपालगंज की है, जहां शादी समारोह के दौरान पार्किंग विवाद में युवक पर छह गोलियां चलाई गईं। हमले में युवक के जबड़े, गाल, नाक, जीभ, कान के पीछे, कंधे और हथेली बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। उसे पहले गोपालगंज सदर अस्पताल, फिर बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर ले जाया गया, जहां से हालत गंभीर होने पर एम्स गोरखपुर रेफर किया गया।
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सर्जरी कैसे हुई?
एम्स गोरखपुर में डॉक्टरों ने तत्काल ऑपरेशन की तैयारी शुरू कर दी। जटिल सर्जरी के दौरान चेहरे के क्षतिग्रस्त हिस्से को पुनः निर्मित किया गया। साथ ही, ऑर्थोपेडिक्स विभाग की टीम ने हथेली की टूटी हुई उंगलियों को जेस फिक्सेशन डिवाइस की मदद से जोड़ा।
ऑपरेशन टीम
इस जटिल सर्जरी में कई विभागों के विशेषज्ञों ने योगदान दिया:
ओरल एवं मैक्सिलोफेशियल सर्जरी विभाग
डॉ. शैलेश कुमार – मैक्सिलोफेशियल सर्जन
डॉ. प्रवीण सिंह – सीनियर रेजिडेंट
डॉ. प्रियंका त्रिपाठी – जूनियर रेजिडेंट
निश्चेतना विभाग (एनेस्थीसिया)
डॉ. भूपिंदर सिंह – एडिशनल प्रोफेसर
डॉ. शफाक – सीनियर रेजिडेंट
डॉ. रिया – एकेडमिक जूनियर रेजिडेंट
हड्डी रोग (ऑर्थोपेडिक्स) विभाग
डॉ. राजनंद कुमार – एडिशनल प्रोफेसर
डॉ. शशांक प्रकाश – सीनियर रेजिडेंट
डॉ. रूपम बरुआ – एकेडमिक जूनियर रेजिडेंट
ओटी नर्सिंग टीम- ध्रुवी, दिव्या, प्रतिभा
एम्स गोरखपुर की निदेशक एवं सीईओ, मेजर जनरल (डॉ.) विभा दत्ता ने इस सर्जरी की सफलता पर टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह एम्स गोरखपुर के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जिससे अब इस क्षेत्र में भी जटिल मैक्सिलोफेशियल सर्जरी संभव हो गई है।
क्षेत्र के मरीजों को मिलेगा लाभ
यह सफल ऑपरेशन न केवल एम्स गोरखपुर के लिए बल्कि इस क्षेत्र के मरीजों के लिए भी एक आशा की किरण है। अब गंभीर रूप से घायल मरीजों को बेहतर और अत्याधुनिक चिकित्सा सेवाएं यहीं उपलब्ध हो सकेंगी।
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