लखनऊ के मलिहाबाद में थाने के पास मिली अवैध असलहा फैक्ट्री, हकीम के घर से भारी मात्रा में हथियार बरामद

राजधानी लखनऊ के मलिहाबाद थाना क्षेत्र के मिर्जागंज गांव में उस समय हड़कंप मच गया जब पुलिस ने एक हकीम के घर से अवैध असलहों की फैक्टरी पकड़ी। हैरानी की बात यह रही कि यह मकान थाने से महज 100 मीटर की दूरी पर स्थित है।

अवैध असलहों की फैक्टरी

बृहस्पतिवार देर शाम करीब छह बजे मलिहाबाद पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि मिर्जागंज गांव में एक हकीम के मकान में अवैध हथियार बनाए जा रहे हैं। सूचना मिलते ही एसीपी मलिहाबाद और रहीमाबाद व मलिहाबाद थानों की संयुक्त पुलिस टीम ने छापेमारी की योजना बनाई। देर रात सटीक कार्रवाई करते हुए टीम ने सलाउद्दीन के घर छापा मारा।घर में मौजूद थी पत्नी और बेटी,युवक ओवैश भी मिला छापेमारी के वक्त हकीम सलाउद्दीन के साथ उसकी पत्नी और बेटी घर में मौजूद थीं। तलाशी के दौरान एक युवक ओवैश भी वहां मिला, जिसे हिरासत में लिया गया है।पुलिस सूत्रों के अनुसार, घर के कई हिस्सों से असलहे और कारतूस के साथ-साथ असलहा निर्माण से जुड़ा सामान भी मिला है।

करीब पांच घंटे तक चले तलाशी

करीब पांच घंटे तक चले तलाशी अभियान में पुलिस को भारी मात्रा में देसी कट्टे, पिस्टल और कारतूस बरामद हुए। पूछताछ में हकीम सलाउद्दीन असलहों की मौजूदगी को लेकर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पाया।

विदेशी हथियार भी मौजूद

पुलिस को शक है कि सलाउद्दीन के पास विदेशी हथियार भी हो सकते हैं और उसका नेटवर्क प्रदेश के अन्य जिलों तक फैला हुआ है।

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परिजनों की हुई हत्या

स्थानीय लोगों के अनुसार, सलाउद्दीन मिर्जागंज में एक दवाखाना चलाता था। कुछ महीने पहले उसके तीन परिजनों की हत्या कर दी गई थी। माना जा रहा है कि इस घटना के बाद सलाउद्दीन का रुख असलहों की ओर बढ़ा।उसकी एक बेटी नॉर्वे में पढ़ाई कर रही है जबकि दूसरी इंटीग्रल यूनिवर्सिटी, लखनऊ में छात्रा है।

पुलिस की नजर में बड़ा नेटवर्क

पुलिस को आशंका है कि सलाउद्दीन बड़े पैमाने पर अवैध असलहों की सप्लाई करता था। उसके संपर्क प्रदेश के अन्य जिलों में भी हो सकते हैं। पुलिस ने कुछ अन्य संदिग्धों को भी हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है।पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि ये हथियार किन लोगों को बेचे जा रहे थे और इस काम में और कौन-कौन शामिल है।

पुलिस की कार्यशैली पर उठे सवाल

स्थानीय लोग इस खुलासे से स्तब्ध हैं कि थाने से महज 100 मीटर की दूरी पर ऐसी अवैध फैक्टरी चल रही थी। अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या पुलिस को पहले से इस गतिविधि की भनक नहीं थी , या जान बूझ कर किया जा रहा था नज़र अंदाज|

एनआईए या एटीएस जांच में शामिल

ऐसे मामलों में आमतौर पर आरोपी पर आर्म्स एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया जाता है। अगर विदेशी हथियार या प्रतिबंधित गोला-बारूद मिला है, तो एनआईए (National Investigation Agency) या एटीएस (Anti Terror Squad) भी जांच में शामिल हो सकती है।

जांच जारी

फिलहाल पुलिस सलाउद्दीन से पूछताछ कर रही है और उसके मोबाइल व दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। पूरे नेटवर्क को उजागर करने के लिए आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

Input-Ram Krishna Shukla