कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने भारत-अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ता को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पर तीखा हमला बोला है। राहुल गांधी ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट साझा करते हुए केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को भी आड़े हाथों लिया। राहुल गांधी ने लिखा, ‘पीयूष गोयल चाहे जितनी छाती पीट लें, मेरी बात मानिए – मोदी ट्रंप की टैरिफ समयसीमा के आगे झुक जाएंगे।
पीयूष गोयल ने कहा- भारत ने दबाव में चर्चा नहीं की
यह टिप्पणी केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के उस बयान के जवाब में आई है, जिसमें उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा तय की गई 9 जुलाई की समयसीमा को खारिज करते हुए कहा था कि भारत कभी भी समय के दबाव में व्यापार समझौते नहीं करता।
Piyush Goyal can beat his chest all he wants, mark my words, Modi will meekly bow to the Trump tariff deadline. pic.twitter.com/t2HM42KrSi
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 5, 2025
दरअसल, टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, ‘भारत ने कभी भी किसी व्यापार समझौते या उसके किसी हिस्से पर समय की कोई बाध्यता या दबाव में चर्चा नहीं की है। हमें अपने राष्ट्रीय हितों का ध्यान रखना है और यह सुनिश्चित करना है कि यह एक निष्पक्ष समझौता हो, जिससे हमें अपने प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले सतत लाभ मिले।’
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गौरतलब है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में करीब 100 देशों पर जवाबी टैरिफ लगाए थे, जिनमें भारत पर भी 26% का टैरिफ शामिल था। हालांकि, अमेरिका ने इन टैरिफ पर 90 दिनों की अस्थायी रोक लगाई थी, जो अब मंगलवार (9 जुलाई) को समाप्त हो रही है। खबरों के अनुसार, अमेरिका भारत पर इस डेडलाइन से पहले समझौता करने का दबाव बना रहा है, लेकिन भारत सरकार का रुख स्पष्ट है- वह केवल अपने हितों को ध्यान में रखकर कोई फैसला लेगी।
कृषि और डेयरी उत्पाद बने अड़चन का कारण
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता में मुख्य बाधाएं कृषि और डेयरी उत्पादों को लेकर हैं। अमेरिका चाहता है कि भारत मक्का, सोयाबीन और डेयरी उत्पादों पर आयात शुल्क में कटौती करे, लेकिन भारत सरकार इस पर सहमत नहीं है। इस संबंध में गोयल ने स्पष्ट किया, ‘मोदी सरकार के लिए किसानों का हित सर्वोपरि है। चाहे वह यूके, ऑस्ट्रेलिया, मॉरीशस, EFTA या यूएई के साथ हुआ समझौता हो – हर बार हमने भारतीय किसानों को प्राथमिकता दी है।’