उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) सूबे के मदरसों के बाद अब वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का (Survey of Waqf Board Properties) भी सर्वे कराने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक महीने के अंदर सर्वे पूरा करवाने और रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।
सीएम योगी ने यह भी निर्देश दिया है कि वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को राजस्व अभिलेखों में दर्ज किया जाए। प्रदेश भर के 75 जिलों में जितनी भी जमीनें हैं उन्हें वक्फ के नाम से अभिलेखों में दर्ज कराया जाए। इस सर्वे के दौरान वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की पूरी जानकारी उपलब्ध करानी होंगी।
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बताया जा रहा है कि इसके पीछे सरकार की मंशा वक्फ प्रॉपर्टी पर अवैध कब्जे और बिक्री को रोकने की है। आदेश के मुताबिक, यूपी में प्रदेश के सभी जिलों में शिया और सुन्नी वक्फ बोर्डों की जांच होगी। साथ ही सरकार ने राजस्व विभाग के वर्ष 1989 के शासनादेश को भी निरस्त करते हुए हुए जांच एक माह में पूरा करने के निर्देश सभी जिलों को दिए हैं।
बीते दिनों सहारनपुर में इस्लामिक संस्था दारुल उलूम देवबंद ने यूपी में मदरसों के सर्वे के योगी सरकार के फैसले का स्वागत किया। यहां 250 से ज्यादा मदरसा संचालकों के साथ हुई बैठक में सभी मदरसों के सर्वे में सहयोग का निर्देश दिया गया। मौलाना अरशद मदनी ने स्पष्ट किया है कि उन्हें योगी सरकार के मदरसों के सर्वे से कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने मदरसा संचालकों से आह्वान किया है कि वे सर्वे में सहयोग करें क्योंकि मदरसों के अंदर कुछ भी ढका-छिपा नहीं है, सबके लिए मदरसों के दरवाजे हमेशा खुले हुए हैं।
बता दें कि योगी सरकार ने प्रदेश के गैर मान्यता प्राप्त और स्ववित्त पोषित मदरसों के सर्वे के आदेश दिए थे। आदेश के अनुपालन में 10 सितंबर को जिला स्तर पर जांच टीमों का गठन किया गया था। गठित टीमें प्रदेश भर में सरकार की सहायता के बिना चल रहे मदरसों में पहुंच सर्वे कर रही हैं। इनमें मदरसे के वित्तीय स्रोत और मूलभूत सुविधाओं आदि बिंदुओं पर जांच टीम मदरसा संचालको से जानकारी जुटा रही है। इनको पांच अक्टूबर को शासन को अपनी रिपोर्ट देनी है।
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