40 साल पहले तक हुई पूजा, अब शिवलिंग और कुंआ सब गायब,…बरेली में 105 साल पुराने मंदिर पर कब्जे का दावा

यूपी में संभल (Sambhal) के बाद अब बरेली (Bareilly) से एक मंदिर पर कब्जे का मामला सामने आया है। आरोप है कि एक मुस्लिम परिवार ने मंदिर पर कब्जा कर लिया और मंदिर में रखी देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को हटा दिया। मंदिर के पुनर्निर्माण वाले परिवार के वंशजों ने अब प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मंदिर को कब्जे से मुक्त करवाने की मांग की है।

मामला थाना किला क्षेत्र के बाकरगंज का है, जहां राकेश सिंह और उनके परिवार ने दावा किया है कि यह मंदिर उनके पूर्वजों द्वारा 1905 में बनवाया गया था। राकेश सिंह के अनुसार, यह गंगा महारानी का मंदिर था और यहां तक कि जब तक मुस्लिम समाज ने इस पर कब्जा नहीं किया, तब तक यह स्थानीय लोगों की आस्था का केंद्र था।

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राकेश सिंह का कहना है कि पहले इस मंदिर के पुजारी ने एक कमरे को किराए पर दिया था, जिसमें वाहिद अली नाम के एक चौकीदार को रखा गया। धीरे-धीरे वाहिद अली ने मंदिर पर कब्जा करना शुरू कर दिया। राकेश सिंह का दावा है कि 1950 तक इस मंदिर में पूजा-अर्चना होती रही, लेकिन उसके बाद से मुस्लिम समुदाय ने मंदिर पर कब्जा कर लिया और मंदिर का अस्तित्व समाप्त कर दिया।

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वहीं, चौकीदार वाजिद ने दावा किया है कि वह पिछले 40 वर्षों से इस जगह पर रह रहे हैं और सोसाइटी के चौकीदार के रूप में काम करते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें सोसाइटी के सचिव से वेतन मिलता है और ऊपर के कमरे में खाद रखा हुआ है। वाजिद की पत्नी ने कहा कि यदि सोसाइटी यहां से जाएगी, तो वे भी यहां से चले जाएंगे।

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राकेश सिंह ने पुराने दस्तावेज होने का भी दावा किया है और मुख्यमंत्री से मंदिर को कब्जे से मुक्त करने की अपील की है। मामले की सच्चाई का पता जांच के बाद ही चल सकेगा।

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