अमृतसर रेल हादसा : नवजोत सिंह सिद्दू की पत्नी थीं मुख्य अतिथि, इसलिए बिना परमिशन आयोजित हुआ दशहरा कार्यक्रम

दशहरा के मौके पर पंजाब के अमृतसर में बड़ा रेल हादसा हुआ है। चौड़ा बाजार के जोड़ा फाटक के पास पठानकोट से अमृतसर आने वाली डीएमयू जालंधर-अमृतसर एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आने से 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। इस रेलवे ट्रैक के पास विजय दशमी के मौके पर रावण का पुतला जलाया जा रहा था। वहीं, इस हादसे को लेकर चौंकाने वाली बात सामने आई है। खबर है कि इस हादसे का सबसे बड़ा कारण प्रशासनिक लापरवाही और राजनीतिक हस्तक्षेप रहा। इस कार्यक्रम के लिए प्रशासनिक इजाजत नहीं ली गई।

 

दशहरा कार्यक्रम की मुख्य अतिथि थी नवजोत कौर

बताया जा रहा है कि जोड़ा फाटक के पास आयोजति होने वाले इस दशहरा कार्यक्रम में प्रशासनिक इजाजत इसलिए नहीं ली गई क्योंकि इसके आयोजन में स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्ध की पत्नी डॉक्टर नवजोत कौर सिद्ध शामिल हो रही थीं। यही वजह है कि प्रशासन ने बिना परमिशन लिए इस कार्यक्रम का आयोजन होने दिया। वहीं, पुलिस ने भी बिना इजाजत रावण दहन करने पर रोक भी नहीं लगाई।

 

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सबसे अहम बात तो यह रही कि दशहरा कार्यक्रम के आयोजन स्थल पर पुलिस सुरक्षा का भी कोई प्रबंध नहीं था। हालांकि, नवजोत सिंह सिद्दू की पत्नी डॉक्टर नवजोत कौर सिद्दू के साथ कुछ सुरक्षा कर्मचारी जरूर आए थे। वहीं, रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि लोग ट्रेन की आवाज नहीं सुन पाए। उनका कहना है कि ट्रेन की गति अधिक होने के बारे में जांच कराई जाएगी।

 

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बता दें कि हादसे के बाद रात 12 बजकर 40 मिनट पर रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा जोड़ा फाटक रेल ट्रैक घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि रेलवे ट्रैक के पास हुए दशहरा आयोजन की अनुमति नहीं ली गई थी। पर्व में भीड़ उमड़ने की वजह से यह हादसा हुआ। ट्रेन की स्पीड ज्यादा होने के विषय पर उन्होंने कहा कि यह जांच का विषय है। जांच में जो तथ्य सामने आएंगे, उस मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।

 

निगम कमिश्नर बोलीं- नहीं ली गई कोई परमिशन

 

मिली जानकारी के मुताबिक, निगम कमिश्नर सोनाली गिरी ने बताया है कि आयोजन के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी। उधर, आयोजनकर्ता पार्षद विजय मदान के बेटे और कांग्रेसी नेता सौरभ मिट्ठू मदान ने कहा कि उन्होंने समारोह की जानकारी डीसीपी और संबंधित थाने में दी थी।

 

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कांग्रेस नेता का कहना है चेकिंग के लिए पुलिस फोर्स आई थी और समारोह के वक्त एडीसीपी स्तर के अधिकारी हाजिर थे। सौरभ मिट्ठ मदान ने बताया कि कार्यक्रम धोबीघाट की चारदीवारी में बने हुए मैदान में ही चल रहा था, पर लोग रेलवे लाइन वाली साइड पर भी खड़े होकर देखने लगे, घटना दुखद है, मेरे कजन मामा के बेटे बिल्ला के अलावा मेरे सात करीबियों की भी इसमें मौत हुई है।

 

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