UP: गांवों में Covid संक्रमण रोकने के लिए 1 लाख से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बनीं कोरोना योद्धा, आशा बहुएं और एएनएम भी गांव-गांव पहुंचा रहीं मदद

उत्तर प्रदेश में कोरोना पर वार करने के लिए महिलाओं ने मोर्चा संभाल लिया है. इसमें सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की आंगनबाड़ी (Anganwadi) कार्यकत्रियां अहम रोल अदा कर रही है. गांवों में संक्रमण की चेन तोड़ने में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां एक योद्धा की तरह काम कर रही है. मुख्‍यमंत्री के निर्देश पर टेस्ट, ट्रेस, व ट्रीट मूलमंत्र पर कोरोना संक्रमितों की पहचान के लिए गठित की गई 60 हजार से अधिक निगरानी समितियों में एक लाख से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां ग्रामीण इलाकों में घर-घर पहुंच कर संक्रामितों की पहचान कर रही हैं. इससे संक्रमित की पहचान कर उनको बेहतर इलाज देने में मदद मिल रही है.


1 लाख से ज्यादा महिला फ्रंटलाइन वर्कर 

आंगनवाड़ी कार्यकत्री के साथ साथ आशा वर्कर्स और एएनएम भी लगी हुई हैं गांव गांव घर घर और लोगों को आश्वस्त कर रही हैं. मुख्‍यमंत्री के निर्देश पर ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण के मामले रोकने व कोरोना की चेन तोड़ने के लिए 60559 निगरानी समितियों का गठन किया गया है. इसमें 4 लाख से अधिक सदस्‍य गांवों में घर-घर जाकर संक्रामितों की पहचान कर रहे है. सदस्‍यों के द्वारा संक्रामितों को दवाएं व होम आइसोलेट करने में भी मदद की जा रही है. इसमें एक लाख से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां अहम रोल अदा कर रही है.


संक्रमितों की पहचान और इलाज मुहैया करा रहीं महिलाएं

अधिकारियों के मुताबिक आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की गांव में अच्‍छी पकड़ होती है. खासकर गांव की अधिकतर महिलाएं उनसे जुड़ी होती है. इससे संक्रामितों की पहचान और उनको बेहतर इलाज मुहैया कराने में काफी मदद मिल रही है. सरकार पिछले एक साल से आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को इन परिस्‍थतियों से निपटने के लिए तैयार कर रही थी, जो अब काम रहा है. आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां संक्रमित लोगों को दवाएं किस तरह खाना है, आइसोलेशन के दौरान क्‍या काम करना है. इसकी जानकारी देने का काम रही है.


कांटेक्‍ट ट्रेसिंग कर रहीं 60 हजार से अधिक निगरानी समितियां

60 हजार से अधिक निगरानी समितियां कांटेक्‍ट ट्रेसिंग के जरिए संक्रमितों की पहचान करने में अहम भूमिका अदा कर रही है. प्रदेश में 60 हजार से अधिक निगरानी समितियों द्वारा 58 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में 24 लाख से अधिक लोगों की टेस्टिंग का काम किया जा चुका है. इसमें एक लाख से अधिक लोगों को कोरोना लक्षण मिलने पर दवाएं देकर होम आइसोलेट किया गया है. इसके अलावा निगरानी समितियां गांवों में बाहर जिलों से आए लोगों की जानकारी हासिल कर उनकी टेस्टिंग करने का काम भी बखूबी कर रही हैं.


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