मुकेश कुमार, संवाददाता गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में कार्यकारी परिषद की बैठक कुलपति प्रो. पूनम टंडन की अध्यक्षता में आयोजित की गई, जिसमें विश्वविद्यालय परिसर में एक नवीन सांस्कृतिक गतिविधि केंद्र TARANG (टैपिंग आर्टिस्टिक रियलाइज़ेशन एंड नर्चरिंग ग्रोथ) के गठन को स्वीकृति प्रदान की गई।
यह पहल छात्रों के समग्र विकास को बढ़ावा देने, उनकी रचनात्मक प्रतिभा को उभारने, और सांस्कृतिक अभिव्यक्ति को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कदम है।
TARANG विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए एक सशक्त मंच के रूप में कार्य करेगा, जहाँ वे संगीत, नृत्य, रंगमंच, साहित्य एवं कला जैसी विविध सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग ले सकेंगे। यह केंद्र छात्रों को अपनी रचनात्मकता, विचारों और भावनाओं की अभिव्यक्ति हेतु प्रेरित करेगा।
छात्रों के अनुभवों को समृद्ध बनाने हेतु उनकी रचनात्मक अभिव्यक्ति को प्रोत्साहित करना। विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से विविधताओं को जोड़कर एक समावेशी समाज की ओर अग्रसर हो
पूर्वी उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को उजागर करते हुए यह केंद्र एक विशिष्ट सांस्कृतिक मंच के रूप में स्थापित किया जाएगा, जो छात्रों और शिक्षकों को कलात्मक, साहित्यिक व संगीतात्मक अभिव्यक्तियों में भागीदारी के लिए प्रेरित करेगा।
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संरचना और कार्य योजना
TARANG केंद्र एक निदेशक और चार अतिरिक्त निदेशकों की देखरेख में संचालित होगा, जो चार विभिन्न क्लबों का नेतृत्व करेंगे। कार्यकारी परिषद द्वारा निम्नलिखित चार क्लबों के गठन को स्वीकृति दी गई है:
1. सरगम (Sargam) – संगीत क्लब
2. ताल (Taal) – नृत्य क्लब
3. सृजन (Srijan) – साहित्यिक क्लब
4. अभिनय (Abhinay) – रंगमंच क्लब
इन क्लबों के माध्यम से कार्यशालाएं, प्रतियोगिताएं और प्रस्तुतियाँ आयोजित की जाएंगी, जिससे छात्र राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग ले सकें और NSD, FTII जैसे संस्थानों में भविष्य गढ़ने की दिशा में अग्रसर हो सकें।
कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा:
“TARANG हमारे विद्यार्थियों के समग्र विकास की दिशा में एक रचनात्मक पहल है। यह मंच उनके भीतर छिपी रचनात्मक प्रतिभाओं को उजागर करने का अवसर प्रदान करेगा, जिससे न केवल उनका व्यक्तित्व निखरेगा, बल्कि विश्वविद्यालय परिसर में एक सजीव और समावेशी सांस्कृतिक वातावरण का निर्माण होगा।”
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TARANG के गठन के साथ, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने एक बार फिर सांस्कृतिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देने और छात्रों को एक समग्र एवं रचनात्मक शिक्षा प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है।
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