शराब के कारण बढ़ रहा है कोरोना, पूरे देश में शराबबंदी लागू करने के लिए BJP नेता ने SC में दायर की जनहित याचिका

देश में कोरोना वायरस संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए शराब और नशीले पेय के सेवन पर प्रतिबंध के लिए बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई. यह जनहित याचिका भाजपा नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय (Ashwini Upadhyay) ने दायर की है. याचिका में दलील दी गई है कि कोविड-19 महामारी के दौरान शराब के सेवन से तेजी से स्वास्थ्य खराब होने, जोखिम भरा आचरण करने और मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होने तथा हिंसा करने जैसे खतरे होते हैं, लिहाजा शराब की बिक्री पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए.


याचिका के मुताबिक शराब के सेवन से अनेक तरह की संक्रामक और दूसरे प्रकार की बीमारियां तो होती ही हैं. इसके अलावा इससे मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है जो व्यक्ति को कोविड-19 के प्रति अधिक जोखिम वाला बनाता है. याचिका में कहा गया है कि शराब की बोतलों और इसके डिब्बे के दोनों ओर कम से कम 50 फीसदी हिस्से में इसका सेवन सेहत के लिए हानिकारक होने संबंधी चेतावनी छपी होनी चाहिए.


याचिका में कहा गया है कि शराब और नशीले पेय के सेवन से घरेलू हिंसा, महिलाओं के प्रति अपराध के साथ ही चोटिल होने के जोखिम बढ़ते हैं. इसके सेवन से व्यक्ति के व्यवहार में काफी बदलाव आता है जो कोविड महामारी के दौरान ज्यादा घातक हो सकता है. याचिका में चिकित्सीय उपयोग के अलावा शराब और दूसरे नशीले पेय के सेवन पर प्रतिबंध लगाने के लिए प्रभावी नीति तैयार करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.


शराब कम कर रहा इम्युनिटी

वहीं याचिका को लेकर अश्विनी उपाध्याय ने बताया कि कोरोना से निपटने के लिए सरकार ने सभी को योग करने और कढ़ा पीने का सुझाव दिया है. लेकिन ये सब करने से इम्युन सिस्टम जितना ही मजबूत होता है शराब, सिगरेट और अन्य नशीले पदार्थों के सेवन से उतना ही कमजोर हो जाता है. इसीलिए मैने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है कि कम से कम जब तक कोरोना चल रहा है तबतक शराब, बीड़ी, सिगरेट समेत सभी नशीले पदार्थों की बिक्री पर देशभर में रोक लगाई गई.


शराब के कारण बढ़ रहा अपराध

अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि शराब औऱ नशे के कारण गरीबी बढ़ती है. बीमारी, अपराध, महिलाओं पर हिंसा, बलात्कार, चोरी लूटी व झपटमारी व रोड एक्सीडेंट जैसी घटनाएं भी बढ़ती हैं. उन्होंने कहा कि करोड़ों माता-पिता अपने शराबी बच्चों से परेशान हैं. कोरोड़ों बहन-बेटियां अपने शराबी पति से परेशान हैं. कोरोड़ों बच्चें अपने शराबी पिता से परेशान हैं.


नशामुक्त भारत संविधान निर्माताओं का सपना

उपाध्याय ने कहा कि शराबबंदी पर संविधान सभा में लंबी चर्चा हुई. महात्मा गांधी, बाबा साहब भीमराव आंबेडकर, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, राम मनोहर लोहिया औऱ पंडित दीन दयाल उपाध्याय शराबबंदी चाहते थे, इसीलिए संविधान में आर्टिकल 47 जोड़ा गया तथा केंद्र और राज्य को निर्देश दिया गया कि भारत को नशामुक्त बनाइए. नशामुक्त भारत हमारे संविधान निर्माताओं का सपना था. उन्होंने कहा कि शराब के कारण भारत की संस्कृति मिटती जा रही है. वेद-पुराण की बाते धीरे-धीरे नष्ट हो रही हैं. इसीलिए देशभर में शराबबंदी लागू होनी चाहिए.


शराबबंदी के बाद राज्य चलाना बिहार से सीखें

बीजेपी नेता ने कहा कि जो लोग कहते हैं कि शराब पर बैन लगाने के बाद पैसा कहां से आएगा उन्हें बिहार से सीखना चाहिए. बिहार जैसा गरीब राज्य अगर शराब पर रोक लगाकर भी अच्छी तरह से विकास कर सकता है तो बाकी राज्य क्यों नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि दिल्ली जैसे अमीर राज्य को शराब बेंचने की क्या जरूरत हैं, वो पैसे से समृद्ध राज्य है. आंकड़े देख लीजिए 1 मई के बाद जबसे शराब की दुकानें खोली गईं कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं.


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