बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (Mayawati) ने शुक्रवार को ट्वीट करते हुए देश में ओबीसी समाज की अलग से जनगणना (OBC Census) कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि देश में ओबीसी समाज की अलग से जनगणना कराने की मांग बीएसपी शुरू से ही लगातार करती रही है तथा अभी भी बीएसपी की यही मांग है और इस मामले में केंद्र सरकार अगर कोई सकारात्मक कदम उठाती है तो फिर बीएसपी इसका संसद के अंदर व बाहर भी जरूर समर्थन करेगी।
देश में जातिगत आधार पर जनगणना की मांग काफी समय से हो रही है। सपा मुखिया अखिलेश यादव समेत कई और नेता भी ऐसी ही मांग उठा चुके हैं। इससे पहले भी साल 2011 में जनगणना के दौरान देश में जाति आधारित जनगणना की मांग उठी थी। ऐसे में 2021 की जनगणना की प्रक्रिया के बीच जातिगत आधार पर जनगणना कराने की मांग जोर पकड़ रही है।
सीएम नीतीश कुमार ने हाल ही बिहार विधानसभा में जाति आधारित जनगणना कराने के पक्ष में बयान दिया दिया था। कोरोना की वजह से जनगणना टली भारत में जनगणना का काम इस साल (2021) होना है। इसकी शुरुआत पिछले साल ही होनी थी लेकिन कोरोना संकट के चलते इसे टाल दिया गया था। केंद्र अब इस प्रक्रिया को शुरू करना चाहता है।
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बता दें कि देश में आखिरी जाति आधारित जनगणना आजादी से पहले साल 1931 में हुई थी। इसी आंकड़े के आधार पर बताया गया है कि देश में ओबीसी आबादी 52 फीसदी है। जाति के आंकड़ों के बिना काम करने में मंडल आयोग को काफी दिक्कत आई और उसने सिफारिश की थी कि अगली जो भी जनगणना हो उसमें जातियों के आंकड़े इकट्ठा किए जायें।
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