आरबीआई देश में छपने वाली सबसे बड़ी नोट की छपाई भी कम करने के बाद यह अफवाह आम हो चली की थी की जल्द सरकार 2000 रूपए के नोट बंद करदेगा. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया है कि 2000 रुपए के नोट की छपाई कम करने का कारण देश में इन नोटों को सीमित संख्या में रखना है. उन्होंने साफ किया कि, 2000 के नोट जारी किए जाने से पहले ही फैसला किया गया था कि धीरे धीरे इनकी छपाई कम कर दी जाएगी. उन्होंने ने कहा, नोटबंदी के बाद 2000 के नोट को जारी करने का कारण सिर्फ बाजार में जल्द नकदी पहुंचाना था.
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कुछ राज्यों में हुई थी कैश की किल्लत
गौरतलब है की 2000 रुपए के नोट बंद होने की अफवाह पर सरकार की तरफ से सफाई दी गई थी. सरकार ने कहा था कि, 2000 रुपए के नोट बंद करने का कोई भी फैसला नहीं लिया गया है. बीते कुछ समय पहले कई राज्यों में एक साथ कैश की किल्लत हो गई थी. जिसके बाद इन्हीं चर्चाओं ने माहौल गर्म कर दिया था.
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वहीं, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के आंकड़ें भी 2000 रुपए के नोट की छपाई कम होने की गवाही दे रहे हैं. आरबीआई के मुताबिक, मार्च, 2017 के आखिर तक टोटल करेंसी में 2000 के नोट की हिस्सेदारी 50.2 परसेंट थी. हालांकि एक साल बीतने के साथ मार्च 2018 के अंत तक कुल 18037 अरब रुपए की करेंसी में 2000 के नोटों का हिस्सा 37.3 प्रतिशत ही रह गया.