उपचुनाव मिल्कीपुर सीट भाजपा ,सपा के लिए बनी प्रतिष्ठा का सवाल

 

अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने इसे अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ा है और इस चुनाव में पूरी ताकत झोंकने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 24 जनवरी को मिल्कीपुर के हैरिंग्टनगंज पलिया मैदान में ऐतिहासिक जनसभा करने जा रहे हैं। यह सभा सुबह 10:00 बजे होगी, जो पार्टी की चुनावी तैयारियों को गति देने वाली है।

भाजपा की चुनावी तैयारियां

जनसंपर्क अभियान:

पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा रैली को ऐतिहासिक बनाने के लिए व्यापक जनसंपर्क अभियान चलाया जा रहा है।

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सामाजिक समीकरण:

जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने विभिन्न जाति के नेताओं को प्रचार में उतारा है।

मंत्रियों और विधायकों की तैनाती:

चुनाव प्रचार के लिए सात मंत्रियों और 40 विधायकों को सक्रिय रूप से मैदान में उतारा गया है।

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पूर्व विधायक की जिम्मेदारी:

टिकट न मिलने से नाराज पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ को मुख्यमंत्री की रैली का संयोजक बनाया गया है, ताकि रैली की सफलता सुनिश्चित हो सके।

मिल्कीपुर सीट का महत्व:

यह सीट आरक्षित है और भाजपा तथा समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच सीधी टक्कर देखने को मिल रही है। पिछले लोकसभा चुनाव में सपा ने अयोध्या सीट पर भाजपा को हराया था, जिसके बाद भाजपा ने इस उपचुनाव को अपनी ताकत दिखाने का अवसर माना है।

राजनीतिक परिदृश्य:

मिल्कीपुर विधानसभा सीट का उपचुनाव भाजपा और सपा दोनों के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुका है। भाजपा जहां अपनी पकड़ को मजबूत करने में जुटी है, वहीं सपा अपनी स्थिति को फिर से मजबूत करने की कोशिश कर रही है। इस उपचुनाव का परिणाम न केवल क्षेत्रीय राजनीति को प्रभावित करेगा बल्कि आगामी लोकसभा चुनावों के लिए भी महत्वपूर्ण संकेत प्रदान करेगा।

 

 

 

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