राजधानी लखनऊ में मंगलवार को यानी आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ‘राष्ट्रीय पोषण माह’ के अंतर्गत 1,359 आंगनवाड़ी केंद्रों और 171 बाल विकास परियोजना कार्यालयों के लोकार्पण व शिलान्यास और आंगनवाड़ी कार्यकत्री (anganwadi workers) व सहायिकाओं को यूनिफॉर्म के लिए धनराशि अंतरण के लिए आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए।
इस मौके पर उन्होंने कुपोषित से सुपोषित श्रेणी में आने वाले बच्चों के अभिभावकों को सम्मानित किया और डीबीटी के माध्यम से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के खाते में 29 करोड़ की राशि हस्तांतरित की। इस दौरान सीएम योगी ने कहा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भूमिका मां यशोदा की तरह है क्योंकि उन्हें मां यशोदा की तरह बच्चों का पालन-पोषण करना होता है।
लखनऊ में 'राष्ट्रीय पोषण माह' के अंतर्गत 1,359 आंगनवाड़ी केंद्रों और 171 बाल विकास परियोजना कार्यालयों के लोकार्पण/शिलान्यास और आंगनवाड़ी कार्यकत्री व सहायिकाओं को यूनिफॉर्म हेतु धनराशि अंतरण के कार्यक्रम में… https://t.co/rkSs4Qb8ZB
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 19, 2023
उन्होंने कहा कि यह पोषण माह की छठवीं वर्षगांठ है। कुपोषण का परिणाम ठीक नहीं होता है। 1977 से लेकर 2017 तक उत्तर प्रदेश में लगभग 50,000 बच्चे इंसेफेलाइटिस से पीड़ित होने के बाद उनकी मृत्यु हो गई थी 2018 से लगातार इसमें कमी आई है और आज की स्थिति यह है कि उत्तर प्रदेश में हम इंसेफेलाइटिस को पूरी तरह से समाप्त करने में सफल हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मिशन मोड पर आंगनबाड़ी केंद्रों को सुदृढ़ किया जाना चाहिए। सांसद और विधायक निधि और सीएसआर फंड से भी आंगनवाड़ी केंद्रों का निर्माण कराया जा सकता है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर बच्चो को बच्चों को सुपोषित के साथ शिक्षित भी बनाने की जिम्मेदारी है। कुपोषण किसी व्यक्ति की नही बल्कि समाज की लड़ाई है। सभी को मिलकर यह लड़ाई लड़नी होगी।