CM योगी ने पढ़ाया शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार का पाठ, सख्त लहजे में कहा- वर्षों से एक ही दफ्तर पर जमे बाबुओं को तत्काल हटाएं

उत्तर प्रदेश के बेसिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा के अधिकारियों को सीएम योगी आदित्यनाथ ने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार का पाठ पढ़ाया. बीते शुक्रवार को लोक भवन में आयोजित शिक्षा विभाग के अधिकारियों की पहली संयुक्त बैठक में सीएम योगी ने कहा कि अधिकारियों को मुख्यालय में बैठने की कोई जरूरत नहीं है. वे फील्ड में जाकर प्रधानाचार्यों, अध्यापकों और कर्मचारियों के साथ संवाद करें. उन्होंने प्रधानाचार्यों को साल में दो बार अभिभावकों के साथ मीटिंग करने के निर्देश दिए. खासतौर पर सभी बीएसए (BSA) को उनके क्षेत्र में रोजाना स्कूलों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए.


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सीएम योगी ने सख्त लहजे में कहा कि वर्षों से एक ही दफ्तर पर जमे बाबू, अधिकारियों के करियर पर दाग लगा रहे हैं, उन्हें तत्काल हटाया जाए. साथ ही अधिकारियों से कहा कि वे फील्ड में जाकर स्कूलों की औचक चैकिंग करें, जनता और जनप्रतिनिधियों से संवाद भी करें. सीएम योगी ने अफसरों को दो टूक शब्दों में कहा कि अधिकारी कैंप कार्यालय की प्रथा बंद कर सरकारी दफ्तर में बैठकर काम करें. करीब 40 मिनट के उद्बोधन में सीएम योगी ने जमीनी हकीकत से वाकिफ कराते हुए कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता और छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं होगा.


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सीएम योगी ने कहा कि ‘छवि एक दिन में नहीं बनती बल्कि उसमें वर्षों की मेहनत लगती है. लेकिन गलत आदमी के साथ रहने से छवि बिगड़ने में समय नहीं लगता’. सीएम योगी ने आगे कहा कि ‘अवकाश के दिन स्कूल-कॉलेजों में शैक्षिक कार्य बंद रहें, लेकिन वहां कार्यालय बंद नहीं होंगे. जिस दिन शैक्षिक कार्य नहीं होते, उस दिन स्कूल और कॉलेज के प्रधानाचार्य अभिभावकों से मुलाकात कर संवाद स्थापित करेंगे’.


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सीएम योगी ने कहा कि ‘प्रदेश में प्राइवेट स्कूल 20 जून के बाद खुल जाएंगे, जबकि सरकारी स्कूल 1 जुलाई के बाद खुलेंगे. उन्होंने सरकारी स्कूलों को भी 25 जून से खोलने के निर्देश दिए. शिक्षक स्कूलों में साफ सफाई, पेयजल और बिजली की व्यवस्था करें ताकि जब बच्चे 1 जुलाई को स्कूल आएं तो उन्हें माहौल अच्छा मिले. साथ ही सभी स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों में पुरातन छात्र परिषद का गठन करने और पुराने छात्रों को 15 अगस्त और 26 जनवरी या अन्य किसी कार्यक्रम में आमंत्रित कर उन्हें सम्मानित करने के निर्देश दिए ताकि वे अपने पद और प्रभाव से स्कूल को विकसित करने में सहयोग करें’.


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सीएम योगी ने कहा कि ‘स्कूलों में बिना परमिट के वाहन नहीं चलने चाहिए. जुलाई के पहले सप्ताह तक स्कूल वाहनों के ड्राइवर और कंडक्टर का पुलिस से वेरीफिकेशन कराया जाए. उन्होंने मुख्य सचिव को जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को इस संबंध में पत्र जारी करने के निर्देश भी दिए’. साथ ही उन्होंने कहा कि शिक्षा संस्थानों में महापुरुषों की जयंती और पुण्यतिथि सहित अन्य अवकाश में की गई कटौती से बच्चों को अध्ययन के लिए ज्यादा समय मिल रहा है. यूपी की पहल को दूसरे प्रदेशों ने भी अपनाया है.


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सीएम योगी ने कहा है कि वे खुद 21 जून से प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में निरीक्षण के लिए निकलेंगे. इस दौरान वे स्कूलों का भी औचक निरीक्षण करेंगे. सीएम ने जुलाई में सभी स्कूलों में पौधरोपण अभियान, संचारी रोग संरक्षण और स्कूल चलो अभियान चलाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी एक पौधा अवश्य लगाए.



सीएम योगी ने कहा कि हमारी सरकार ने बीते दो वर्ष में शिक्षा में सकारात्मक सुधार किया है. बेसिक शिक्षा में 46 हजार शिक्षक भर्ती हो चुके हैं, 69 हजार की भर्ती प्रक्रिया चल रही है. कायाकल्प योजना से 90 हजार स्कूलों को मॉडल बनाया है. इस बैठक में उप मुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री अनुपमा जायसवाल, मुख्य सचिव अनूपचंद्र पांडेय, अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार, अपर मुख्य सचिव उच्च एवं माध्यमिक शिक्षा आर.के.तिवारी और प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री शशिप्रकाश गोयल भी मौजूद थे.


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