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सदन में पहले ही हो जाना चाहिए था नारी सम्मान का ये काम, UP की आधी आबादी की बुनियादी सुविधाओं को लेकर सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध: CM योगी

CM Yogi Adityanath

उत्तर प्रदेश विधानसभा गुरुवार को ऐतिहासिक पल की गवाह बनी। राज्य के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब सदन महिलाओं के लिए रिजर्व रखा गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्याथ (CM Yogi Adityanath) ने सभी महिला सदस्यों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज राज्य के लिए खास दिन है। पहली बार सदन में यह विशेष अवसर प्रदान किया गया है। योगी ने कहा कि यूपी में आधी आबादी को लेकर कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही है, सरकार इन्हें हर तरह की बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सदन में नारी सम्मान का यह काम काफी पहले ही हो जाना चाहिए था। आज तो सदन में नारी शक्ति अद्भुत नजारा देखने का हमको भी मौका मिला है। उन्होंने कहा कि हमें बेहद प्रसन्नता है कि आज सदन में सभी लोग नारी शक्ति को देख रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी महिला जनप्रतिनिधियों को मेरी बधाई।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में महिला-पुरुष दोनों को समान अधिकार हैं। हम सभी को पता है कि मातृ शक्ति से सब कुछ संभव है। देश की आजादी के बाद महिलाओं के हक में काम हुए। झांसी की रानी पर पूरा उत्तर प्रदेश गर्व करता है।उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भी मातृशक्ति पर कई कार्यक्रम चला रही है। हमारी सरकार ने भी महिला सशक्तिकरण के लिए कई कदम उठाए हैं। सरकार भी महिला के प्रति होने वाले अपराध को लेकर बेहद ही गंभीर है। इसके साथ ही सर्व शिक्षा अभियान में भी बालिकाओं को अधिक संख्या में स्कूल भेजने पर जोर दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कुल कुल 1584 थाने हैं, जिनमें महिला डेस्क हैं। इसी के साथ महिला बीट की भी स्थापना की गई है। इतना ही नहीं, 3195 एंटी रोमियो स्क्वॉड भी तैयार किए गए हैं। इसके अलावा, राज्य आजीविका मिशन में 66 लाख महिलाओं को जोड़ा गया है। साथ ही, 45 लाख परिवारों को आवास दिया गया है। मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि कन्या सुमंगला योजना की शुरूआत की गई, जिसके तहत 13 लाख 67 हजार बेटियों को लाभ मिल रहा है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना की मदद से 181686 जोड़ों को सरकार ने सहयोग प्रदान किया। हर घर शौचालय योजना के तहत प्रदेश में 2 करोड़ 61 लाख परिवारों के घरों में शौचालय आया, जिससे महिलाओं का सम्मान बढ़ा।

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उन्होंने कहा कि हमने ये देखा है कि सदन में पुरुष नेताओं की बातों के पीछे कहीं महिला सदस्यों की आवाज दब जाती है। मगर आज सदन की कार्यवाही में महिला सदस्यों की बातें सुनकर उन्हें अपनी गलती का एहसास हो जाए तो घर की महिलाओं से माफी मांग सकते हैं। योगी के इतना कहते ही सभी सदस्य हंसने लगे। सीएम ने कहा कि भारत में महिला मताधिकार कई देशों के मुकाबले बहुत पहले दे दिया था। भारत जिस वैवाहिक परम्परा को अपनाया वह वैवाहिक सूत्र एक महिला ने रचा। शकुंतला, दमयन्ती, अनसूया, सीता, रुक्मिणी, द्रौपदी, अहिल्या, गार्गी, अपाला से लेकर रानी लक्ष्मीबाई जैसी महिलाओं ने गौरान्वित किया है।

उन्होंने सभी महिला विधायकों से अपील की है कि समस्याओं के बारे में खुलकर बोलें। सकारात्मक चर्चा करें। उनके सुझाव नोट किए जाएंगे और सरकार उनको लेकर कदम उठाएगी। सभी मुद्दों पर महिलाएं सकारात्मक सुझाव दें तो सरकार को मदद मिलेगी और प्रदेश के लिए अच्छा काम हो सकेगा। योगी ने यह भी सुझाव दिया कि आज किसी महिला को ही पीठासीन अधिकारी के रूप में बैठना चाहिए। आज सदन में महिलाओं को नियमों में न बांधा जाए। साथ ही उन्हें बोलने के लिए पूरा समय दिया जाए। समय का प्रतिबंध भी न लगे।

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मुख्यमंत्री योगी के संबोधन के बाद विधानसभा स्पीकर सतीश महाना ने ऐलान किया कि न केवल महिला विधायकों, बल्कि सभी विधायकों के लिए आज स्पेशल लंच का आयोजन किया गया है। यह सुझाव मुख्यमंत्री योगी ने दिया था, जिसको लेकर अध्यक्ष ने अनुमति दी है। इसके अलावा, सभी विधायकों को आज विधानसभा सत्र के बाद टैबलेट भी दिया जाएगा।

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