मानसून का अलर्ट जारी होते ही जहां एक तरफ किसानों के चेहरों पर मुस्कान आ गई है, वहीं दूसरी तरफ सरकार ने मानसून से आने वाले खतरे को देखते इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं। दरअसल, उत्तर प्रदेश में 75 जिलों में से 45 बाढ़ की चपेट में हैं। इनमें 24 अति संवेदनशील, 16 संवेदनशील और पांच सामान्य हैं। जिसके चलते सीएम योगी ने बाढ़ वाले जिलों के जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रैसिंग के जरिये समीक्षा की थी। जिसके बाद नदियों के उतार-चढ़ाव पर नजर रखने के सख्त निर्देश दिये गए हैं। ताकि बाद में किसी को कोई दिक्कत न आए।
सीएम ने दिए सख्त निर्देश
जानकारी के मुताबिक, मौसम विशेषज्ञों ने इस साल भरपूर मॉनसून की भविष्यवाणी की है। जिसके चलते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संबंधित मंत्रियों और अधिकारियों को सभी संवेदनशील जिलों में स्थिति की निगरानी करने और वहां भी शिविर लगाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि कुछ स्थानों पर नदियों की खुदाई की गई है और प्रभावी निगरानी के लिए मुख्यालय में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
बता दें कि मानसून की बारिश के साथ गंगा, यमुना, घाघरा, राप्ति और गंडक जैसी नदियां, जो हर साल हजारों हेक्टेयर जमीन को खुद में समेट लेती है, नदियों पर विशेष नजर रखी जा रही है। जिसके चलते सीएम योगी ने बाढ़ को लेकर बुलाई गयी समीक्षा बैठक में अधिकारियों को 15 जून के बाद बाढ़ को लेकर सभी जिलों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं। संवेदनशील स्थानों पर बाढ़ के दौरान आवश्यक रेत के थैले और बांस की गाड़ियां पर्याप्त मात्रा में स्टॉक कर ली गई हैं। आपात स्थिति से निपटने के लिए 24 घंटे काम करने के लिए बाढ़ नियंत्रण कक्ष और वायरलेस केंद्र स्थापित किए गए हैं।
जल शक्ति मंत्री कर चुके हैं इतने जिलों का दौरा
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह खुद जिलों का दौरा कर व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे हैं। जल शक्ति मंत्री अब तक बाढ़ के संबंध में 28 जिलों का दौरा कर चुके है। जल्द ही वह पूर्वांचल के वो जिलें जो हर साल बाढ़ की चपेट में आते हैं, वहां का दौरा करने वाले हैं। इनमें बलिया, मऊ, गाजीपुर, गोरखपुर, देवरिया समेत कई अन्य जिलें शामिल हैं।
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