यूपी में सिपाहियों ने खोला अफसरों के खिलाफ मोर्चा, एक सिपाही ने ऑडियो वायरल कर दी डीजीपी तक को चुनौती

राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर में एप्पल कंपनी के एरिया मैनेजर की हत्या के मामले ने तूल पकड़ लिया हैं। आरोपी सिपाही की मदद करने के लिए पुलिस एसोसिएशन भी इस मामले में कूद गया है। वहीं, उत्तर प्रदेश पुलिस एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी का एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसने इस मामले में घी डालने का काम कर दिया है।

 

वायरल ऑडियो में खुद को बताया जनरल सेक्रेटरी

बता दें कि वायरल ऑडियो में शख्स रामेन्द्र देव पाठक खुद को उत्तर प्रदेश पुलिस एसोसिएशन और पुलिस परिवार संघ का जनरल सेक्रेटरी बता रहे हैं। उन्होंने ऑडियो में कहा है कि गोमतीनगर थानाध्यक्ष आपसे कल व्यक्तिगत वार्ता के अनुसार जो आपसे वार्ता हुई तब हमने आपस ये सवाल किया कि कांस्टेबल के द्वारा कोई क्रॉस एफआईआर लिखी गई है तो आप हमारी कॉल वेटिंग में डाल दिए।

 

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रामेन्द्र देव पाठक ने कहा कि आपसे सादर अनुरोध है कि आपके थाने के कांस्टेबल हैं जो सरकारी ड्यूटी में गए थे, उनके साथ जो घटना घटी। उसका वापसी जीडी में नियमानुसार पूर्ण विवरण लिखा जाना चाहिए और पीड़ित सिपाहियों के परिवार के लोग जो हमने टीवी पर और भाइयों से सुना है कि वो महिला हैं, उनके द्वारा जो प्राथना पत्र या टेलीफोन से सूचना दी गई। उस पर एसएसपी लखनऊ द्वारा डांटकर उसका फोन बंद करा दिया गया।

 

 

उन्होंने कहा कि जो भी बात हो, मैं आपसे चाहूंगा कि 154 सीआरपीसी के अंतर्गत थानाध्यक्ष को दिए गए अधिकार के तहत अगर सिपाही ड्यूटी पर गए थे और वापसी में उनके द्वारा जो घटना की सूचना दी जाती है जैसा कि उन्होंने टीवी पर बयान दिया, उसकी भी एफआईआर लिखी जानी चाहिए।

 

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उन्होंने वायरल ऑडियो में कहा कि नियमानुसार अगर आपके द्वारा कार्रवाई नहीं की जाती है तो इस घटना के लिए जितना वो सिपाही दोषी हैं उतना ही दोषी 120बी के अतंर्गत अन्य पुलिस कर्मचारी भी हैं। उन्होंने कहा कि अन्य सभी पुलिसकर्मियों में सभी राजपत्रित अधिकारी आते हैं…सीओ से लेकर डीजीपी तक।

 

डीजीपी कार्यालय के सामने आत्मदाह करने की धमकी

उन्होंने कहा कि जनपद बदायूं में दो सिपाहियों को फर्जी बलात्कार के मामले में राजनीतिक दबाव के आधार पर भेज दिया गया था। उन्होंने कहा कि बसपा की मायावती, कांग्रेस के राहुल जी, मीरा कुमार जी, पासवान जी तमाम अनुसूचित जाति के नेतागणों ने वहां पर इकट्ठा हो कर घटना को तूल दिया था। बाद में उस घटना में दोनों सिपाही जिम्मेदार नहीं थे। अगर सिपाही ड्यूटी पर थे तो यह घटना धारा 302 की नहीं बनती है। उन्होंने कहा कि अधिकतम 304 आईपीसी का अपराध बनता है। किसी भी घटना को बढ़ा-चढ़ाकर लिखना भी अपराध ही है।

 

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उन्होंने वायरल ऑडियो में कहा कि मैं आपसे गुजारिश करता हूं, आपसे प्रार्थना करता हूं कि मेरे इस वॉयस एसएमएस के आधार पर दूसरे पक्ष का मुकदमा लिख दें। अन्यथा मैं संवैधानिक अधिकारों के तहत जो संविधान में मुझे अधिकार दिया गया है, विरोधस्वरूप 9 अक्टूबर को डीजीपी कार्यालय के सामने अथवा विधानसभा के सामने अथवा आपके थाना के गेट के सामने अथवा पुलिस लाइन लखनऊ के गेट के सामने इस अन्यायपूर्ण घटना को लेकर मैं इस शरीर का परित्याग कर दूंगा, आत्मदाह कर लूंगा।

 

सीओ से लेकर आईजी जोन तक के खिलाफ दर्ज हो मुकदमा

उन्होंने कहा कि जिसकी सारी जिम्मेदारी लखनऊ पुलिस और लखनऊ के एसएस पी की होगी, जिनके द्वारा एकतरफा कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि उस महिला के जो मृतक तिवारी के साथी उसकी पूरी जांच नहीं कराई जा रही है। सना खान पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि कब उसकी ड्यूटी थी और कहां जा रही थी, किसके साथ जा रही थी यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। ये घटना जानबूझकर नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि इसलिए मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि दूसरे पक्ष का भी मुकदमा आप रजिस्टर करें।

 

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उन्होंने कहा कि अगर पुलिसवाले दोषी है तो उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। अकेले वो कांस्टेबल दोषी नहीं है। उनके सुपरविजन में जो क्षेत्राधिकारी हैं, जो एसपी हैं, जो डीआईजी रेंज है, जो आईजी जोन हैं वो सभी जिम्मेदार हैं। इन सबके खिलाफ 120बी का मुकदमा होना चाहिए। सबको जेल भेजा जाना चाहिए और सबको बर्खास्त करना चाहिए।

 

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