उत्तर प्रदेश के बलरामपुर (Balrampur) जनपद में शनिवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां संदिग्ध परिस्थितियों में घर में लगी आग से झुलसकर पत्रकार समेत 2 लोगों की मौत हो गई। यह आग इतनी भीषण थी कि घर का पूरा सामान राख में तब्दील हो गया। वहीं, घर की एक दीवार तक गिर गई। मामले में पुलिस के होश तब उड़ गए, जब मरने से पहले पत्रकार राकेश सिंह निर्भीक (Journalist Rakesh Singh Nirbhik) ने गांव के प्रधान पर सनसनीखेज आरोप लगा दिया।
पत्रकार राकेश सिंह निर्भीक ने मरने से पहले कहा कि मैं खबर लिख रहा था…तभी गांव के लोगों ने प्रधान के साथ मिलकर आग लगा दी। मामले में पुलिस अधीक्षक देवरंजन वर्मा ने बताया कि 2 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है, दोनों से पूछताछ की जा रही है।
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जानकारी के अनुसार, मामला कोतवाली देहात क्षेत्र के कलवारी गांव का है। यहां के निवासी 45 वर्षीय राकेश सिंह निर्भीक पेशे से पत्रकार थे। शनिवार को उनके आवास में संदिग्ध परिस्थितियों में आग लग गई। आग इतनी भीषण थी कि आवास की एक दीवार गिर गई, जबकि अंदर रखा सारा सामान जल गया है।
वहीं, गंभीर रूप से गंभीर रूप से झुलसे पत्रकार राकेश सिंह निर्भीक को आनन-फानन में जिला मेमोरियल चिकित्सालय ले जाया गया। यहां से उन्हें लखनऊ मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया, जहां इलाज के दौरान देर रात करीब 11 बजे उनकी मौत हो गई।
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इस मामले में वर्किंग जर्नलिस्ट ऑफ इंडिया, उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष पवन श्रीवास्तव ने पत्रकारों पर हो रहे अत्याचारों पर अंकुश लगाने की गुहार लगाई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजे शिकायती पत्र में प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच शुरू करने के साथ ही बलरामपुर डीएण और पुलिस अधीक्षक को तत्काल प्रभाव से हटाने की की मांग की गई है।
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यह भी कहा गया है कि तत्काल प्रभाव से कार्यवाही न होने पर वर्किंग जर्नलिस्ट ऑफ इंडिया इकाई भारतीय मज़दूर संघ पत्रकारों के सुरक्षा को लेकर सड़क पर उतरने पर मजबूर होगा।
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