विकास दुबे: थाने में घुसकर BJP राज्यमंत्री की हत्या कर राजनीति में ली थी एंट्री, मायावती सरकार में चलता था सिक्का

उत्तरप्रदेश में कानपुर (Kanpur) देहात के बिठूर (Bithoor) थाना क्षेत्र में गुरुवार रात एक बजे शातिर अपराधी विकास दुबे (Vikas Dubey) को पकड़ने गई पुलिस पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई गईं. इस घटना में 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए. सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्र, एसओ शिवराजपुर महेश यादव समेत एक सब इंस्पेक्टर और 5 सिपाही मुठभेड़ में शहीद हुए. इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया. अब तक पुलिस हुए हमलों में यह सबसे बड़ी घटना बताई जा रही है. विकास दुबे का आपराधिक इतिहास ही नहीं रहा बल्कि उनके खिलाफ कई गंभीर मामले दर्ज हैं.


हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे पर 60 आपराधिक मामले दर्ज हैं. 19 साल पहले उसने 2001 में थाने में घुसकर राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की हत्या कर दी थी. इसके बाद उसने राजनीति में एंट्री ली. नगर पंचायत का चुनाव भी जीता था. विकास कई बार गिरफ्तार भी हुआ. 2017 में लखनऊ में एसटीएफ ने कृष्णा नगर से उसे दबोचा गया था.


अपराध से बनाई सत्ता में गहरी पैठ

विकास दुबे ने अपने अपराधों के दम पर पंचायत और निकाय चुनावों में कई नेताओं के लिए काम किया और उसके संबंध प्रदेश की सभी प्रमुख पार्टियों से हो गए. 2003 में शिवली थाने के अंदर घुस कर इंस्पेक्टर रूम में बैठे तत्कालीन श्रम संविदा बोर्ड के चैयरमेन, राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त भाजपा नेता संतोष शुक्ल को गोलियों से भून दिया था. उसका इतना खौफ था कि, कोई गवाह सामने नहीं आया. जिसके कारण वह केस से बरी हो गया. इसकी एक शादी शास्त्री नगर सेंट्रल पार्क के पास रहने वाले राजू खुल्लर की बहन से हुई थी. ब्राह्मण शिरोमणि पंडित विकास दुबे के नाम से फेसबुक पेज बना रखा था.


चचेरे भाई की हत्या समेत कई में आया नाम

विकास दुबे इसके अलावा 2000 में कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र स्थित ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या के मामले में भी विकास दुबे को नामजद किया गया था. इसी साल उसके ऊपर रामबाबू यादव की हत्या के मामले में साजिश रचने का आरोप लगा था. यह साजिश उसने जेल से बैठकर रची थी. 2004 में एक केबल व्यवसाई दिनेश दुबे की हत्या के मामले में भी विकास का नाम आया था. 2013 में भी विकास दुबे ने हत्या की एक बड़ी वारदात को अंजाम दिया था.


मायावती सरकार में चलता था सिक्का

हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की सभी राजनीतिक दलों पर पकड़ रही है. 2002 में बीएसपी की मायावती सरकार के दौरान उसकी तूती बोलती थी. उसके ऊपर जमीनों की अवैध खरीद फरोख्त का आरोप है. उसने गैर कानूनी तरीके से करोड़ों रुपये की संपत्तियां बनाई हैं. बिठूर में ही उसके स्कूल और कॉलेज हैं. वह एक लॉ कॉलेज का भी मालिक है.


जेल से जीता था चुनाव

विकास दुबे जेल में रहने के दौरान ही चुनाव लड़ा था और शिवराजपुर से नगर पंचयात का चुनाव जीता भी था. बताया जा रहा है कि बीएसपी के कार्यकाल में उसकी बीएसपी में कड़ी पैठ थी. जेल से ही वह हत्याएं समेत कई वारदातों को अंजाम दिलवा देता था.


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