लोकसभा ने वित्त विधेयक 2025 (Finance Bill 2025 Passed) को 35 सरकारी संशोधनों के साथ पारित कर दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharama) ने इस विधेयक को करदाताओं के लिए अभूतपूर्व कर राहत प्रदान करने वाला बताया, और कहा कि इससे मध्यम वर्ग और व्यवसायों को राहत मिलने की उम्मीद है।
कर सुधारों का ऐलान
वित्त मंत्री ने लोकसभा (Loksabha) में आगामी कर सुधारों का संकेत दिया। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय आर्थिक अनिश्चितताओं को दूर करने के लिए ऑनलाइन विज्ञापनों पर लगने वाला समानीकरण शुल्क समाप्त किया जाएगा। इसके अलावा, वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि आयकर संग्रह में 13.14% की वृद्धि का अनुमान यथार्थवादी है, हालांकि इसके बावजूद 2025-26 में एक लाख करोड़ रुपये के राजस्व नुकसान का अनुमान है।
वित्त मंत्री ने बताया
सीतारमण ने यह भी बताया कि नए आयकर विधेयक पर संसद के मानसूत्र सत्र में चर्चा होगी। यह विधेयक पहले ही 13 फरवरी को सदन में पेश किया जा चुका था और वर्तमान में प्रवर समिति द्वारा इसकी जांच की जा रही है। समिति को संसद के अगले सत्र के पहले दिन तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।
आयकर विभाग के अनुसार
आयकर विभाग के अनुसार, नए आयकर विधेयक का उद्देश्य मुकदमेबाजी और नई व्याख्याओं की गुंजाइश को कम करना और कर निश्चितता प्राप्त करना है। इस विधेयक में शब्दों की संख्या 2.6 लाख है, जो मौजूदा अधिनियम की 5.12 लाख शब्दों से कम है। धाराओं की संख्या भी 819 से घटाकर 536 कर दी गई है, और अध्यायों की संख्या को 47 से घटाकर 23 किया गया है।
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आयकर विधेयक 2025 में महत्वपूर्ण बदलाव
आयकर विधेयक 2025 में, मौजूदा अधिनियम की 18 तालिकाओं की तुलना में 57 तालिकाएं बनाई गई हैं। इसके अलावा, इसमें से 1,200 प्रावधान और 900 स्पष्टीकरण हटा दिए गए हैं, जिससे यह अधिक सरल और प्रभावी बन सके।