वाशिंगटन में बैठकों के बाद वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा- विकास की राह पर बना रहेगा भारत

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक (World Bank) के अनुमानों के मुताबिक भारत 2023 में सबसे तेजी से वृद्धि करने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था इसी राह पर बनी रहेगी और 2022-23 के दौरान इसके सात प्रतिशत की दर से बढ़ने की संभावना है।

वाशिंगटन स्थित आईएमएफ मुख्यालय में शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक और वित्तीय समिति की पूर्ण बैठक में भाग लेते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि अनुकूल घरेलू नीति के साथ-साथ संरचनात्मक सुधारों पर सरकार की आरे से ध्यान केंद्रित करने से भारत में घरेलू आर्थिक गतिविधियां मजबूत बनी हुई हैं।

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक दोनों संस्थाओं ने वर्ष 2023 में भारत को सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बताया है। आर्थिक सर्वे 2022-23 के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान है।

वित्त मंत्रालय ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि वाशिंगटन में हुई बैठक के दौरान वित्त मंत्री ने महामारी से मिली सीख को रेखांकित किया और कहा कि डिजिटलीकरण, विशेष रूप से डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक उत्प्रेरक है। भारत के डीपीआई ने आम लोगों तक पहुंच बनाने में क्रांति ला दी है और एक जीवंत उद्यमी पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है।

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वैश्विक संप्रभु ऋण गोलमेज सम्मेलन का जिक्र करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इसने अन्य कमजोर देशों के लिए बहु-हितधारक सहयोग के साथ एक रचनात्मक तरीका दिखाया है। उन्होने कहा कि भारत श्रीलंका और सूरीनाम के लिए समाधान प्रदान करने वाली टीम का हिस्सा बनकर खुश है।

सीतारमण ने वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए हितधारकों की भागीदारी से समाधान खोजने की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होने से सबसे गरीब और कमजोर लोगों को असमान रूप से नुकसान पहुंचता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जी-20 के सभी सदस्य देशों से बहुपक्षीय प्रयासों का समर्थन जारी रखने का आग्रह किया और वैश्विक विखंडन की चुनौती से लड़ने के लिए सकारात्मक बातचीत पर जोर दिया।

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