ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म फिल्पकार्ट (Flipkart) कर्मचारियों (Employees) की छंटनी करने की योजना बना रही है। बताया जा रहा है कि फिल्पकार्ट अपने कुल कर्मचारियों में से 5-7 प्रतिशत को मार्च-अप्रैल 2024 तक नौकरी से निकाल सकती है। अभी इसके लिए कर्मचारियों के प्रदर्शन को आंका जा रहा है।
एक साल तक नियुक्ति पर लिया था रोक का फैसला
इस छंटनी का असर 1100-1500 कर्मचारियों पर पड़ेगा। कंपनी की यह छंटनी मार्च-अप्रैल 2024 तक समाप्त होने की उम्मीद है। इससे पहले कंपनी ने एक साल तक नियुक्ति पर रोक लगाने का फैसला किया था। फ्लिपकार्ट पिछले दो सालों से परफॉर्मेंस के आधार सालाना नौकरियों में कटौती कर रही है। मिंत्रा को छोड़कर कंपनी की मौजूदा वर्कफोर्स 22,000 है।
रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी के 2024 के रोडमैप के साथ रिस्ट्रक्चरिंग को अगले महीने सीनियर एग्जीक्यूटिव की मीटिंग में फाइनलाइज किया जाएगा। छंटनी के बावजूद कंपनी के अपने आईपीओ को 2024 तक डिले करने के प्लान में कोई चेंज नहीं हुआ है।
क्लियरट्रिप के साथ फ्लिपकार्ट का कोलैबोरेशन
पेटीएम, अमेजन और मीशो जैसी अन्य कंपनियों ने भी हाल ही में कॉस्ट-कटिंग और रिस्ट्रक्चरिंग की है। फ्लिपकार्ट क्लियरट्रिप के साथ कोलैबोरेशन पर भी विचार कर रही है, जिसमें अडाणी ग्रुप की 20% हिस्सेदारी है। क्लियरट्रिप एयरलाइन बुकिंग्स पर फोकस करती है। यह अपने होटल बिजनेस में फ्लिपकार्ट से निवेश बढ़ा सकती है। वॉलमार्ट और अन्य कंपनियों से चल रही 1 बिलियन डॉलर की फंडिंग के जरिए फ्लिपकार्ट की रणनीतिक योजनाएँ को सहायता मिलने की उम्मीद है।
पिछले 2 सालों से हो रही कर्मचारियों की छंटनी
बता दें कि फ्लिपकार्ट पिछले 2 सालों से प्रदर्शन के आधार पर छंटनी कर रही है। इसमें कंपनी उन कर्मचारियों को पिंक स्लिप थमा देती है, जिनका प्रदर्शन उम्मीदों के अनुरुप नहीं होता है। इसके अलावा कंपनी ने अपनी लागत कम करने के लिए पिछले साल नई भर्तियां भी नहीं की थी। बता दें कि महामारी के दौरान बंपर भर्तियां करने वाली कई कंपनियां अब अपने कार्यबल को न्यायसंगत बना रही हैं, जिसके परिणामस्वरूप लोगों की नौकरियां जा रही हैं।
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