स्पेशल न्यूज़: दिवाली के ठीक अगले दिन यानी 15 नवंबर को गोवर्धन पूजा होगी. इस दिन गोवर्धन पूजा के साथ अन्नकूट पूजा भी की जाती है. यदि किसी के घर में समस्याएं होती रहती हैं तो उनको इस पूजन से काफी लाभ मिलेगा, साथ ही उनके घर में कभी धन-धान्य की कोई कमी नहीं होगी. बशर्ते यह पूजन आपको सम्पूर्ण विधि विधान से करना बहुत जरूरी है. ऐसा न करने पर आपको इस पूजा का कोई भी लाभ प्राप्त नहीं होगा. तो आइए जानते हैं अन्नकूट पूजा की संपूर्ण विधि-
अन्नकूट पूजा विधि-
1.वैदिक काल में अन्नकूट पूजा के रूप में वरुण देव, अग्नि देव और इंद्र देव की पूजा की जाती है. इस दिन विशेष रूप से अन्न की पूजा की जाती है.
- अन्नकूट पूजा में 56 प्रकार के पकवान और पके हुए चावलों का पर्वत बनाकर उस पर रंगोली बनाई जाती है.
- इसके बाद उस पर फूल, पुष्प , नवैद्य आदि अर्पित करके भगवान श्री कृष्ण को अर्पित किए जाते हैं.
- इसके बाद भगवान श्री कृष्ण का विधिवत पूजन किया जाता है और भगवान श्री कृष्ण को धूप और दीप आदि दिखाए जाते हैं.
- इसके बाद भगवान श्री कृष्ण को इन सभी चीजों का भोग लगाया जाता है और इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है.
- यह प्रसाद दूसरे लोगों में भी वितरण करने का विधान है. इसलिए अन्नकूट का प्रसाद दूसरे लोगों में भी बांटा जाता है.
- अन्नकूट पूजन के दिन घर के सभी सदस्यों के लिए घर की एक ही रसोई से खाना बनाया जाता है.
8.इसके अलावा अन्नकूट पूजन के दिन गायों का श्रृंगार करके उनकी आरती भी की जाती है.
- अन्नकूट पूजन के दिन चंद्रमा का दर्शन अशुभ माना गया है. इसलिए इस दिन भूलकर भी चंद्र दर्शन न करें.
- अगर आपको चंद्र दर्शन करने हो तो प्रतिपदा तिथि निकल जाने के बाद यानी अगले दिन ही चंद्रमा के दर्शन करें.
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