कोरोना काल में हर वर्ग की चिंता करने वाले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi adityanath) ने शुक्रवार को गन्ना किसानों (Sugarcane farmers) का लंबे समय से बकाया रुपयों का भुगतान कर दिया है। प्रदेश सरकार अबतक गन्ना किसानों का 1 लाख करोड़ से ज्यादा रुपयों का भुगतान कर चुकी है। इस भुगतान के बात गन्ना किसानों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जमकर प्रशंसा की है। योगीजी आपने तो कोरोना के वैश्विक संकट में भी हमारे लिए कमाल का काम किया। सिर्फ हमें ही नहीं प्रदेश और देश को भी आप ही जैसे सक्षम, दृढ़ निश्चयी और दूरदृष्टि वाले नेता की जरूरत है। लिहाजा अपनी सेहत का खयाल रखें।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को अपने आवास पर चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग की ओर से आयोजित विडियो कान्फ्रेंसिंग में किसानों से बात कर रहे थे। मुजफ्फरनगर के अरविंद मलिक ने कहा, ‘मैं 40 साल से खेती कर रहा हूं। पहली बार सर्वे के बाद खेत में ही गन्ने की पर्ची मिली। मेरा सौ फीसद भुगतान हो चुका है। ई-गन्ना एप में सारी जानकारी उपलब्ध रहती है। इससे पूरी व्यवस्था पारदर्शी हो गयी। आप कोरोना के वैश्विक संकट में भी हमारी उम्मीद बन कर उभरे। आगे भी रहेंगे।’
मेरठ के विनोद सैनी ने कहा, ‘कोरोना के नाते जब लकडाउन हुआ तो लगा कि हम किसान तो काम से गये। पर हुआ इसका ठीक उलटा। आपकी पहल से सभी चीनी मिलें चलीं। गन्ने का भुगतान भी हुआ। आपकी पहल से विभाग में जो पारदर्शिता आयी है उससे हम किसानों को बहुत लाभ हुआ। आपकी प्रेरणा से ही हमने गन्ने के साथ गोभी की फसल ली। इससे गन्ने की सारी लागत निकल आयी।” सैनी ने कहा कि किसानों के व्यापक हित में अन्य फसलों की तरह सब्जी का भी न्यूनतम समर्थन मूल्य होना चाहिए।’
संभल के सुधीर त्यागी ने कहा, ‘पूर्व की सरकारों में भी सब कुछ था, बस नहीं था आप जैसा नेतृत्व। किसान देश की रीढ़ हैं और आप उनके शुभचिंतक। मेरे पास आपका आभार जताने के लिए शब्द नहीं हैं। भरपूर बिजली के नाते सिंचाई की कोई दिक्कत नहीं। कृषि निवेश भरपूर है। साथ ही विभाग द्वारा अद्यतन खेती के बारे में किसानों को लगातार जागरूक करने का भी हमें लाभ मिला है।’
पीलीभीत के हरिमोहन गंगवार, लखीमपुर खीरी के परविंदर सिंह, अंबेडकर नगर के अमरेंद्र वर्मा, गोंडा के अनिल चंद्र पांडेय, गोरखपुर के रामसूरत मौर्य और कुशीनगर के देवेंद्र राय ने कहा कि आपने व्यवस्था को पारदर्शी बनाकर विभाग की सारी माफियागिरी खत्म कर दी। नयी चीनी मिलें लगीं। घटतौली खत्म हो गयी। प्रशिक्षण के नाते हमारी उपज भी बढ़ गयी।
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