मुंबई के ‘जुहू चौपाटी’ का एहसास करता है गोरखपुर का ‘रामगढ़ ताल’, CM योगी के प्रयासों से बना सूबे का पहला वेटलैंड

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बतौर सांसद रहते हुए सालों पहले एक सपना देखा था। वह सपना था, अपने शहर गोरखपुर (Gorakhpur) की रामगढ़ ताल (Ramgarh taal) भी भोपाल और उदयपुर की तरह ही सिर्फ यहां के लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि बौद्ध सर्किट के प्रमुख स्थान कुशीनगर, कपिलवस्तु और नेपाल जाने वाले सैलानियों के लिए भी पर्यटक स्थल बने। सीएम योगी का यह सपना आज पूरा हो गया है। शहर के पूर्वी छोर पर स्थित 737 हेक्टेयर रकबे में फैली यहां की प्राकृतिक और खूबसूरत ताल (रामगढ़) प्रदेश का पहला वेटलैंड बना है।


इसके लिए प्रारंभिक नोटिफिकेशन जारी हो गया। तकनीकी परीक्षण और लोगों की आपत्तियां सुनने के बाद इस बाबत अंतिम नोटिफिकेशन जारी होगा। नोटीफिकेशन के बाद झील के 50 मीटर के दायरे में कोई नया उद्योग नहीं लग सकता। पुरानी इकाइयों के विस्तार पर रोक होगी।


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इस दायरे में खतरनाक किस्म के कचरे, पॉलीथिन, नान बायोग्रेडिबल वस्तुओं ठोस कचरे, गंदा पानी, अशोधित सीवेज के निस्तारण पर भी रोक होगी। नौकायन के लिए जेटी को छोड़कर कर हर तरह के निर्माण कार्य पर रोक होगी। बंधे का निर्माण, मछली पालन, सिंघाड़े की खेती, सड़क निर्माण और पशुओं को चराने आदि की गतिविधियों को जिला स्तर डीएम की अध्यक्षता में गठित समिति रेगुलेट करेगी। ऐतिहासिक अहमियत वाले शहर गोरखपुर के पूरबी छोर पर रामगढ़ झील है।


सीएम योगी ने जिस वक्त ये सपना देखा था उस समय यह झील महानगर के गटर में तब्दील हो चुकी थी। महानगर के करीब आधे दर्जन नालों का मल-जल सीधे इसमें गिरता था। किनारों से गुजरने पर पानी से दुर्गंध आती थी। झील का बड़ा हिस्सा जलकुंभी से पटा था। सिल्ट पटने से झील की औसत गहराई लगातार घट रही थी। पानी में घुलित ऑक्सीजन की मात्रा कम होने से जैव विविधता लगातार घट रही थी, पर बतौर सांसद योगी इसके लिए संसद से लेकर सड़क तक लगातार आवाज उठाते रहे।


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इसमें गति तब आई जब केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने सूबे की कुछ अन्य झीलों के साथ रामगढ़ को भी राष्ट्रीय झील संरक्षण योजना में शामिल कर लिया। तबकी सरकारों द्वारा इसके बाद भी इसमें तमाम गतिरोध डाले गए पर अंतत: उनके लगातार प्रयास के कारण उनका ही नहीं महानगर के लाखों लोगों का सपना साकार हुआ।


योगी के मुख्यमंत्री बनने के बाद तो इसकी खूबसूरती में और चार चांद लग गए। अब तो इसके पास ही चिड़ियाघर भी बन रहा है। यह कानपुर और लखनऊ के बाद प्रदेश का तीसरा चीड़ियाघर होगा। इसके अलावा वॉटर स्पोर्ट्स पार्क भी बन रहा है।


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