उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था और विकास परियोजनाओं को जमीनी स्तर पर उतारने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजधानी लखनऊ में कई जिलों के जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों के साथ समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा शान्ति और क़ानून व्यवस्था से कोई खिलवाड़ बर्दाशत नहीं किया जायेगा, अगर इसमें किसी भी प्रकार की चूक होती है तो इसके लिए सीधे जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और पुलिस अधीक्षक सीधे जिम्मेदार होंगे.
मुख्यमंत्री ने सभी डीएम और पुलिस कप्तानों को निर्देश दिया कि वे सुबह 9 से 10 बजे तक जनता से मिलें. उन्होंने कहा कि जनता से बातचीत करने पर उन्होंने वास्तविकता का पता चलेगा. सीएम ने कहा कि गरीब की भाषा गलत हो सकती है, लेकिन भावना नहीं. इसके अलावा वरिस्थ अधिकारीयों को भी जिलों में निरीक्षण करने का निर्देश दिया. सभी बड़े अफसर 15 से 20 जून तक जिलों का भ्रमण करेंगे. इसके बाद मुख्यमंत्री खुद 21 जून से मंडलीय स्तरीय निरीक्षण के लिए निकलेंगे.
सीएम योगी ने कहा कि माफियाओं, गुण्डों और अपराधियों के खिलाफ कड़ी और प्रभावी कार्रवाई तत्परता के साथ की जाए. सीएम ने कहा कि जघन्य अपराधों में दर्ज नामजद एफआईआर में तत्काल दबिश देकर गिरफ्तारी कराई जाए, जिससे जनमानस पर इसका असर पड़े. मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, प्रमुख सचिव (गृह), पुलिस महानिदेशक, समस्त जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठक के दौरान उक्त बातें कहीं.
जनता से बनाएं बेहतर संवाद
समीक्षा बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय ने बताया कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि सभी जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान अनिवार्य रूप से प्रतिदिन कम से कम एक घण्टा जनता से मिलें, इसमें किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि समस्त जिलाधिकारियों एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से यह अपेक्षा है कि वो जनता से बेहतर संवाद बनाये ताकि संवेदनहीनता और संवादहीनता की स्थिति पैदा न हो. साथ ही यह भी निर्देश दिए हैं कि सभी अधिकारी अपनी-अपनी रिपोर्ट 20 जून, 2019 तक मुख्य सचिव के माध्यम से मुख्यमंत्री को सौपेंगे.
सीएम ने कहा- जमीन से जुड़े मामलों पर दें ध्यान
सीएम योगी ने कहा, ‘जिलाधिकारियों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों और पुलिस अधीक्षकों द्वारा ऐंटी रोमियो स्क्वॉड की समीक्षा कर महिला अपराध की घटनाओं को रोका जाए. प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं के सम्मान, सशक्तीकरण और कल्याण के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जनता को जागरूक किया जाए. पीड़ित महिलाओं को तत्काल मुआवजा दिलाया जाए. भूमि विवाद और आपसी रंजिश के मामले चिह्नित करते हुए राजस्व तथा पुलिस विभाग द्वारा संयुक्त रूप से निस्तारित किये जाएं. ग्राम समाज और शासकीय भूमि को अवैध कब्जों से मुक्त कराया जाए.
विकास योजनाओं की जिम्मेदारी डीएम की
अनूप चंद्र पांडेय ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा संचालित सभी योजनाओं के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी जिलाधिकारी की है. चाहे वह ओडीएफ हो, प्रधानमंत्री आवास योजना, राशन कार्ड, आयुष्मान भारत, मुद्रा लोन, स्टार्ट अप इंडिया जैसी योजनाओं में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर किसी लावारिश की मृत्यु होती है तो उसके अंतिम संस्कार के लिए जिले डीएम ग्राम प्रधान निधि से पांच हजार रुपए दिए जाएं. इसके अलावा राशन के लिए दो हजार रुपए की सहायता भी दी जाए.
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