मुकेश कुमार, संवाददाता गोरखपुर। दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मेसी में माननीय कुलपति प्रो. पूनम टंडन के नेतृत्व में विश्वविद्यालय की हिरक जयंती समारोह की श्रृंखला में नेशनल फार्मेसी एजुकेशन डे 2025 का आयोजन किया गया। यह दिवस फार्मेसी के जनक माने जाने वाले प्रो. महादेव लाल श्रॉफ की जयंती के उपलक्ष्य में फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा घोषित किया गया है। इस कार्यक्रम में संस्थान के सभी शिक्षक, शोधार्थी एवं छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की।
इस वर्ष फार्मा अन्वेषण 2025 की थीम “एंटरप्रेनरशिप एंड स्टार्टअप इन फार्मा एंड फार्मेसी प्रैक्टिस — इनकरेजिंग इनोवेशन सेंटर्स एंड फार्मास्यूटिकल स्टार्टअप्स” रखी गई, जिसका उद्देश्य नवाचार और स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देना है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रो. अमित कुमार निगम ने प्रो. महादेव लाल श्रॉफ के अतुलनीय योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि श्रॉफ जी का जन्म 6 मार्च, 1902 को दरभंगा, बिहार में हुआ था। वे न केवल भारत में फार्मेसी शिक्षा के अग्रदूत थे, बल्कि उन्होंने बीएचयू में देश का पहला पूर्णकालिक तीन वर्षीय बी. फार्मा कोर्स शुरू कर इस क्षेत्र को नई दिशा दी।
प्रो. निगम ने कहा कि “आज के परिदृश्य में, नवाचार और उद्यमिता केवल आर्थिक विकास ही नहीं, बल्कि रोगी देखभाल और जीवन की गुणवत्ता को भी बेहतर बनाते हैं। हमें एक ऐसा इकोसिस्टम बनाना होगा, जहां इनोवेशन, इंक्यूबेशन और एंटरप्रेन्योरशिप को संपूर्ण समर्थन मिले।”
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कार्यक्रम के सफल आयोजन में डॉ. सरिता और श्री राज किशोर ने अहम भूमिका निभाई। उन्होंने छात्रों को फार्मा क्षेत्र में स्टार्टअप की संभावनाओं और नवाचार के महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी। साथ ही डॉ. विशाल, श्री अभय वर्मा, श्री आशीर्वाद, श्री गौरीश और श्रीमती सनोबर ने छात्रों को प्रेरित करते हुए नए विचारों और प्रोजेक्ट्स पर काम करने के लिए प्रोत्साहित किया।
इस आयोजन के माध्यम से छात्रों को न केवल प्रो. श्रॉफ की विरासत से परिचित होने का अवसर मिला, बल्कि फार्मेसी क्षेत्र में नवाचार और उद्यमिता को अपनाने के लिए नई ऊर्जा भी प्राप्त हुई।
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