उत्तर प्रदेश के संभल (Sambhal) में सांप्रदायिक तनाव को लेकर बुधवार को कोतवाली थाने में पीस कमेटी की बैठक का आयोजन किया गया। इस दौरान सर्किल ऑफिसर अनुज चौधरी (CO Anuj Chaudhary) ने अपनी पूर्व टिप्पणी का बचाव किया। उन्होंने कहा कि उनकी टिप्पणियां पूरी तरह से निष्पक्ष थीं और उनका उद्देश्य केवल दोनों समुदायों के बीच भाईचारे को बढ़ावा देना था। उन्होंने स्पष्ट किया कि “यदि आप ईद की सेवइयां खिलाना चाहते हैं, तो होली की गुजिया भी खानी होगी।”
भाईचारे की अहमियत पर जोर
सीओ ने आगे कहा कि जब एक पक्ष होली की गुजिया नहीं खाता और दूसरा खाता है, तो इससे भाईचारे में दरार आती है। उनका मानना था कि सांप्रदायिक सद्भाव के लिए दोनों पक्षों को एक-दूसरे के त्योहारों में भाग लेना चाहिए और एक-दूसरे के धार्मिक उत्सवों का सम्मान करना चाहिए।
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अनुज चौधरी बोले
सीओ ने यह भी कहा कि अगर उनके बयान में कोई बुराई थी, तो उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट को इस पर संज्ञान लेना चाहिए था। उन्होंने सवाल किया, “अगर मेरा बयान गलत था, तो अदालतें मुझे सजा क्यों नहीं दिलाईं?” सीओ ने इस टिप्पणी के बाद जोर देकर कहा कि उनका उद्देश्य किसी भी समुदाय का अपमान करना नहीं था, बल्कि सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखना था।
अनुज चौधरी का विवादित बयान
सीओ अनुज चौधरी ने कुछ दिन पहले यह टिप्पणी की थी कि होली एक साल में एक बार आता है, जबकि जुमे की नमाज 52 बार होती है। उनका कहना था कि यदि कोई होली के रंगों से असहज महसूस करता है, तो उसे उस दिन घर में रहना चाहिए। इस बयान ने कुछ विवाद पैदा किया था, लेकिन उन्होंने अपनी टिप्पणी को सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के उद्देश्य से उचित बताया।
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संभल में हिंसा के बाद पुलिस कार्रवाई पर स्पष्टीकरण
संभल में 24 नवंबर को हुई हिंसा के बाद से स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। इस हिंसा में चार लोगों की जान चली गई थी और कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे। पुलिस ने हिंसा के बाद मामले में कड़ी कार्रवाई की थी और करीब सात दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया था। सीओ अनुज चौधरी ने इस मामले में पुलिस द्वारा की जा रही गिरफ्तारीयों को सही ठहराया और कहा कि सभी गिरफ्तारियां सबूतों के आधार पर की गईं हैं।
नेजा मेला पर प्रतिबंध, मुस्लिम समुदाय में नाराजगी
संभल में 25 मार्च को आयोजित होने वाले वार्षिक नेजा मेले पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इस मेला में मुस्लिम समुदाय के लोग बड़ी संख्या में हिस्सा लेते थे, लेकिन इस बार पुलिस द्वारा भारी सुरक्षा तैनात की गई थी और लोगों को आने-जाने की अनुमति नहीं दी गई थी। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीश चंद्र ने बताया कि मेला स्थल पर कोई कार्यक्रम नहीं हुआ, और पुलिस ने यहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे।
नेजा मेला की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर विवाद
एएसपी श्रीश चंद्र ने मेला स्थल के ऐतिहासिक महत्व पर भी टिप्पणी की। उन्होंने बताया कि यह मेला एक आक्रमणकारी और लुटेरे महमूद गजनवी के भतीजे सैयद सालार मसूद गाजी की याद में आयोजित किया जाता था। अधिकारियों ने मेला आयोजित करने की अनुमति से इनकार कर दिया था, यह कहते हुए कि किसी आक्रमणकारी की स्मृति का महिमामंडन करना उचित नहीं है।
पुलिस अपील
सीओ अनुज चौधरी ने पीस कमेटी की बैठक में यह भी कहा कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण न किया जाए। उन्होंने शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया और सभी समुदायों से शांति बनाए रखने की अपील की।संभल में जारी तनाव के बावजूद अधिकारियों का उद्देश्य शांति बनाए रखना है।
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