अगस्ता वेस्टलैंड मामले में मोदी सरकार को बड़ी कामयाबी मिली है. इस मामले में बिचौलिए की भूमिका निभाने वाले क्रिश्चिएन मिशेल को संयुक्त अरब अमीरात भारत को प्रत्यर्पण करेगी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मिशेल को भारत लाने के लिए दुबई एयरपोर्ट लाया गया है.
बता दें कि इससे पहले मिशेल के संबंध में भारत में संयुक्त अरब अमीरात के राजदूत अहमद अलबाना ने बयान दिया था कि ब्रिटिश नागरिक और 3,600 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदा मामले के कथित बिचौलिये क्रिश्चयन मिशेल के प्रत्यर्पण का फैसला संयुक्त अरब अमीरात की न्यायिक प्रणाली पर छोड़ देना चाहिए.
ब्रिटिश नागरिक को भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है, इस सवाल के जवाब में अलबाना ने कहा था, ‘‘मुझे नहीं पता. न्यायिक प्रणाली है, संयुक्त अरब अमीरात और भारत के बीच समझौते हैं, हमें अपनी न्यायिक प्रणाली में विश्वास है.’’
राजदूत ने कहा, ‘‘हमें अपनी न्यायिक प्रणाली पर भरोसा है, हम उन्हीं पर छोड़ते हैं कि क्या करना है और क्या नहीं करना है.’’ इस महीने की शुरुआत में दुबई की शीर्ष अदालत ने मिशेल के प्रत्यर्पण पर विचार करने संबंध निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा था. मिशेल संयुक्त अरब अमीरात में कुछ मामलों को लेकर जेल में बंद था.
बिचौलिए मिशेल को फरवरी 2017 में यूएई में गिरफ्तार कर लिया गया था. मिशेल के वकील ने आरोप लगाया था की भारतीय जांच एजेंसी सीबीआई उनके क्लाइंट पर दबाव बना रही है. हालांकि जांच एजेंसी ने मिशेल के वकील के इन आरोपों को खारिज कर दिया था.
ईडी ने जून 2016 में मिशेल के खिलाफ दायर अपने आरोप-पत्र में आरोप लगाया था कि उसने अगस्ता वेस्टलैंड से करीब 225 करोड़ रुपये प्राप्त किए. ईडी ने कहा था कि यह पैसा और कुछ नहीं, बल्कि कंपनी द्वारा 12 हेलिकॉप्टरों के समझौते को अपने पक्ष में कराने के लिए वास्तविक लेन-देन के नाम पर दी गई रिश्वत थी.
इस मामले में गुइदो हाश्के और कार्लो गेरोसा के अलावा मिशेल तीसरा कथित बिचौलिया है. अदालत द्वारा क्रिश्चियन मिशेल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने के बाद दोनों जांच एजेंसियों ने इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर दिया था.
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