आपका एटीएम कार्ड बंद होने वाला है। आपके बैंक खाते का वेरिफिकेशन करना है। हमारी कंपनी आपको फलां प्रतिष्ठित कंपनी में नौकरी दिला सकती है। फोन पर ऐसी बातें कह कर संबंधित व्यक्ति से उसके खाते के संबंध में जरूरी जानकारी जुटाकर पैसा उड़ाने वाले गिरोह के सरगना सहित आठ सदस्यों को पुलिस ने पकड़ा है। इसमें तीन युवतियां भी शामिल हैं। यह लोग अब तक ढाई हजार से अधिक लोगों के साथ ठगी कर चुके हैं।
यह गिरोह यहां क्वार्सी में एक शिक्षण संस्था की आड़ में एक कॉल सेंटर चलाकर पिछले करीब आठ माह से बेरोजगारों को नौकरी दिलाने के नाम पर ठग रहा था। इन लोगों ने ई-कार्मस प्लेटफार्मों का भी पैसा उड़ाने के लिए इस्तेमाल किया। यह लोग अलीगढ़ के अलावा हरियाणा, दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड आदि राज्यों के बेरोजगारों को भी ठगी का शिकार बना रहे थे। अलीगढ़ में यह पहली बार है जब इस तरह की साइबर ठगी करने वाला गिरोह पकड़ा है।
एसएसपी अजय कुमार साहनी ने बुधवार को पुलिस लाइन में प्रेसवार्ता में बताया कि कुछ समय से ऑनलाइन नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले रैकेट की शिकायतें हमारे पास आ रही थीं। इसी शिकायत के आधार पर एसपी सिटी के निर्देशन में एक टीम को लगाया गया। इसी बीच पता चला कि थाना क्वार्सी क्षेत्र के क्वार्सी चौराहे के पास पिछले आठ माह से निलीट फिल्किएशन सेंटर का संचालन हो रहा है जो कि दिल्ली की एक शिक्षण संस्था से जुड़ा है। लेकिन यहां पर शिक्षण कार्य न हो कर एक फर्जी काल सेंटर चलाया जा रहा है। इस कथित काल सेंटर में शाइन डॉटकाम, गूगल व अन्य ई प्लेटफार्मों से बेरोजगार लोगों के मोबाइल नंबर व मेल आईडी की जानकारी हासिल कर बेरोजगारों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर अपनी कंपनी में रजिस्ट्रेशन के लिए बैंक की डिटेल हासिल की जा रही थीं। इसके बाद रजिस्ट्रेशन कंप्लीट कराने के नाम पर पीड़ितों से यह लोग ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) हासिल करके मोबाइक, पेटीएम व अन्य ई-वालेट के प्लेटफार्मों के लिए इस्तेमाल कर बैंक के खाते से पैसा उड़ा लिया करते थे। इस मौके पर एसपी सिटी अतुल श्रीवास्तव, सीओ तृतीय संजीव दीक्षित, इंस्पेक्टर क्वार्सी रविंद्र सिंह, एएसएचओ राजीव यादव आदि मौजूद रहे।
Also Read : मेरठ: 7 साल की नाबालिग के साथ मस्जिद में रेप, आरोपी युवक गिरफ्तार
एसएसपी के अनुसार पीड़ित से डिटेल हासिल करने के अलावा बिना पीड़ित को बताए भी यह लोग पैसा उड़ा लिया करते थे। इसके लिए गिरोह का सदस्य पवन कुमार सिम कार्ड उपलब्ध कराता था। पवन एयरटेल कंपनी में कार्यरत है। इन्ही सिम कार्डों से पेटीएम पर एकाउंट बना लिया करते थे। इसी सिम पर आए ओटीपी से केवाईसी (नो योर एकाउंट) करके गिरोह पेटीएम कार्ड जारी करा लिया करता था। इस पैसे को पेटीएम एकाउंट में ट्रांसफर करके एटीएम से निकाल कर रकम को बांट लिया करते थे। सभी ने पेटीएम के एटीएम कार्ड भी फर्जीवाड़े से ही हासिल किए थे।
इस काल सेंटर में अभियुक्त आकिब पुत्र साकिब निवासी मंजूरगढ़ी पुलिया थाना क्वार्सी पहले दिल्ली में सराय काले खां स्थित एक ऐसे ही फर्जी काल सेंटर में काम करता था। दिल्ली स्थित काल सेंटर को जतिन व विवेक आदि नाम के व्यक्ति चलाते थे। वहां से काल सेंटर का आइडिया लेकर मोटा पैसा कमाने की चाह में अलीगढ़ आकर पूरा एक गैंग बनाया। सीधे साधे व्यक्तियों के साथ ठगी करनी शुरू कर दी।
यह लोग पिछले आठ महीने से यह काल सेंटर चला रहे हैं और ढाई हजार से अधिक लोगों के साथ ठगी कर चुके हैं। अपने फर्जीवाड़े का लेखा जोखा रखने के लिए सरगना ने रोहित नाम के व्यक्ति से ड्यूटीप्राइम डॉटकाम नाम की एक वेबसाइट बनवायी। इस वेबसाइट से ठगे गए व्यक्तियों का डाटा हासिल कर उनसे पुलिस संपर्क करने का प्रयास कर रही है।
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )