अलकायदा ने तालिबान को दी बधाई, कश्मीर को ‘मुक्त’ कराने का किया आह्वान

अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) की जीत पर अलकायदा (Al-Qaeda) ने बधाई दी है. उसके इस बधाई संदेश ने भारत के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं. असल में अलकायदा (Al-Qaeda)  ने इस बधाई संदेश के साथ कश्मीर (Jammu and Kashmir)  समेत कई अन्य जगहों को इस्लाम के दुश्मनों से आजाद कराने की बात कही है. अमेरिकी सेनाओं के छोड़ने के बाद तालिबान ऐलान किया कि अफगानिस्तान ने पूर्ण आजादी हासिल कर ली है. इसके कुछ ही घंटे बाद अलकायदा ने तालिबान को बधाई वाला संदेश भेजा.


तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में ‘पूर्ण स्वतंत्रता’ हासिल करने की घोषणा के कुछ ही घंटे बाद अलकायदा ने यह ऐलान किया. अलकायदा ने अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी को तथाकथित इस्लामिक इलाकों की स्वतंत्रता से जोड़ते हुए फिलीस्तीन, लेवंत, सोमाविया और यमन को भी मुक्त कराने की बात की है.


अफगानिस्तान में अल्लाह द्वारा दी गई जीत पर इस्लामिक उम्मा को बधाई शीर्षक से लिखे अपने संदेश में आतंकी संगठन ने कहा, ‘ओ अल्लाह, लेवंत, सोमालिया, कश्मीर और अन्य इस्लामी भूमि को इस्लाम के दुश्मनों के चंगुल से मुक्त कराएं. ओ, अल्लाह, दुनिया भर में मुस्लिम कैदियों को आजादी प्रदान करो. 15 अगस्त को अफगानिस्तान पर ताबिलान के कब्जे के बाद क्षेत्रीय विश्लेषकों और सुरक्षा अधिकारियों को इस बात को चिंता है कि आतंकी समूह की जीत ने दक्षिण एशिया के सभी आतंकी संगठनों को नई ऊर्जा दी है.


फरवरी 2020 में अमेरिका और तालिबान के बीच हुए शांति समझौते में कहा गया था कि अफगानिस्तान का मिलिटेंट ग्रुप सभी आतंकी समूहों के साथ अपने संबंधों को खत्म करेगा और खासतौर पर अलकायदा से. हालांकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद पाबंदी निगरानी टीम की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बात के कोई सबूत नहीं है कि तालिबान ने अलकायदा के साथ अपने लिंक और संपर्क खत्म कर दिए हैं.


अलकायदा ने अपने संदेश में कहा, ‘हम सर्वशक्तिमान की प्रशंसा करते हैं, जिन्होंने अविश्वास के मुखिया अमेरिका को अपमानित और पराजित किया. हम अमेरिका की रीढ़ तोड़ने, उसकी वैश्विक प्रतिष्ठा को धूमिल करने और अफगानिस्तान की इस्लामी भूमि से अपमानित, पराजित कर खदेड़ने के लिए सर्वशक्तिमान की प्रशंसा करते हैं.’


आतंकी संगठन ने आगे कहा, ‘अफगानिस्तान की भूमि साम्राज्यों के लिए कब्रगाह और इस्लाम के लिए अजेय किला रही है. अमेरिकियों की हार के बाद ये तीसरी बार है, जब अफगान राष्ट्र ने दो सदियों के बीच सफलतापूर्वक तीन बार साम्राज्यवादी ताकतों को हराया और खदेड़ा है.’ बयान में कहा गया है कि ‘बुराई के अमेरिकी साम्राज्य’ की हार दुनिया भर में उत्पीड़ितों के लिए प्रेरणा का एक जबरदस्त स्त्रोत है. साथ ही तालिबान की लीडरशिप और खासतौर पर हैबतुल्लाह अखुंदजादा (Haibatullah Akhundzada) को बधाई दी गई है.


अल-कायदा ने अपने बयान में कहा है कि ‘ये घटनाक्रम साबित करते हैं कि जीत हासिल करने का एकमात्र रास्ता जिहाद है. और अब अगले संघर्ष के लिए तैयारी करने का समय आ गया है, जिसके लिए अफगान राष्ट्र की विजय ने रास्ता तैयार कर दिया है.


गौरतलब है कि 15 अगस्त को अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद दुनिया भर के देश यहां पर फिर से आतंकवाद के उभार को लेकर चिंतित हैं. बता दें कि फरवरी 2020 में अमेरिका और तालिबान बीच हुए समझौते में एक शर्त यह भी है कि वह आतंकी संगठनों, खासतौर पर अलकायदा को यहां पनपने नहीं देगा. हालांकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की रिपोर्ट में इस बात के कोई संकेत नहीं मिले हैं कि तालिबान ने अलकायदा से संबंध खत्म किया है, या मेलजोल कम किया है.


Also Read: भारत में भी तालिबानी सोच!, जमीयत उलेमा-ए-हिंद लड़के और लड़कियों की ‘को-एड’ शिक्षा के सख्त खिलाफ


( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )